ईआरसीपी-पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के संशोधित प्लान पर आधारित समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप देने के लिए बैठक आयोजित थी। इसमें 27 सितंबर को हुई बैठक में तैयार समझौता ज्ञापन के ड्राफ्ट पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में समझौता ज्ञापन के ड्राफ्ट को अंतिम दे दिया गया।
जनवरी में दोनों राज्य समझौता ज्ञापन पर करेंगे हस्ताक्षर
उम्मीद है कि आगामी जनवरी में दोनों राज्य और केंद्र सरकार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। बैठक में सेंट्रल वाटर कमीशन और नेशनल वाटर डेवलपमेंट एजेंसी के अधिकारी भी मौजूद थे। इस लिंक परियोजना से ना केवल पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के निवासियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था होगी, बल्कि औद्योगिक इलाकों के लिए भी पानी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मध्य प्रदेश के मालबा और चंबल रीजन के 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई भी होगी। यही नहीं, संशोधित प्लान का डीपीआर भी अगले साल मार्च महीने तक तैयार कर लिए जाने की संभावना है।
उम्मीद है कि आगामी जनवरी में दोनों राज्य और केंद्र सरकार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। बैठक में सेंट्रल वाटर कमीशन और नेशनल वाटर डेवलपमेंट एजेंसी के अधिकारी भी मौजूद थे। इस लिंक परियोजना से ना केवल पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के निवासियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था होगी, बल्कि औद्योगिक इलाकों के लिए भी पानी आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मध्य प्रदेश के मालबा और चंबल रीजन के 2.8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई भी होगी। यही नहीं, संशोधित प्लान का डीपीआर भी अगले साल मार्च महीने तक तैयार कर लिए जाने की संभावना है।
बीजेपी सरकार बनते ही शुरू हो चुका है काम
ईआरसीपी को राजस्थान में लागू कराने के लिए पिछले लंबे समय से कई लोग कोशिश करते रहे हैं। इसमें केंद्रीय श्रम शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अहम भूमिका रही है। राजेंद्र सिंह ने बताया कि राजस्थान में भाजपा सरकार बनते ही इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता के आधार पर लागू का काम शुरू हुआ है।
ईआरसीपी को राजस्थान में लागू कराने के लिए पिछले लंबे समय से कई लोग कोशिश करते रहे हैं। इसमें केंद्रीय श्रम शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अहम भूमिका रही है। राजेंद्र सिंह ने बताया कि राजस्थान में भाजपा सरकार बनते ही इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता के आधार पर लागू का काम शुरू हुआ है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने चुनाव से पहले राजस्थान के संकल्प पत्र में ईआरसीपी- पीकेसी लिंक प्रोजेक्ट को पांच प्राथमिकता वाले कार्यों में भी शामिल कराया था। शेखावत का पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार पर पर इस परियोजना को लटकाने का भी आरोप था। शेखावत के मुताबिक अशोक गहलोत सरकार के हठ के चलते इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। अब राजस्थान और मध्यप्रदेश के लाखों निवासियों को डबल इंजन सरकार का फायदा मिलेगा।