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विकास की रफ्तार: भारत माला प्रोजेक्ट का 50 फीसदी काम पूरा, राजस्थान सबसे आगे

केन्द्र सरकार ने 2017 में भारत माला प्रोजेक्ट का प्रथम चरण मंजूर किया। इसके तहत यात्री व माल परिवहन के आर्थिक कोरिडोर, उनका आपसी जुड़ाव, फीडर मार्गों का विकास, सीमा और अंतरराष्ट्रीय संपर्क सडक़ें, तटीय और बंदरगाह संपर्क सडक़ें और एक्सप्रेस-वे निर्माण के काम हाथ में लिए गए हैं।

Feb 12, 2024 / 07:43 am

Paritosh Shahi

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देश में लोगों और माल की आवाजाही सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार की भारत माला परियोजना का करीब आधा काम पूरा हो चुका है। परियोजना के तहत बने नए एक्सप्रेस-वे पर गाडि़यां फर्राटे से दौड़ रही है और लोगों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता वाली सड़कों के लिए देश के विभिन्न राज्यों में चल रहे इस प्रोजेक्ट पर अमल में राजस्थान सबसे आगे है जहां मंजूर कार्यों का करीब 91 फीसदी काम पूरा हो चुका है।मध्यप्रदेश में 56 फीसदी और छत्तीसगढ़ में करीब 31 फीसदी काम पूरा हो चुका है। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत देशभर में करीब 10 लाख 95 हजाऱ़ करोड़ रुपए की लागत से करीब 35 हजार किलोमीटर सडक़ों का निर्माण हो रहा है।


4.23 लाख करोड़ खर्च, 15549 किमी निर्माण पूरा

प्रोजेक्ट प्रथम चरण के तहत 26 हजार 418 किलोमीटर सडक़ों के काम टेंडर प्रक्रिया पूरी कर शुरू किए गए थे और इसके लिए 8.53 हजार लाख करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। दिसंबर 2023 तक 15 हजार 549 किलोमीटर लंबी सडक़ों का निर्माण पूरा हो चुका है और 4.23 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

राजस्थान से गुजर रहे 6 एक्सप्रेस वे

प्रोजेक्ट के तहत 25 एक्सप्रेस वे भी बनाए जा रहे हैं, जिनमें से करीब आधा दर्जन एक्सप्रेस वे आंशिक रूप से पूर्ण हो चुके हैं और उनका उपयोग शुरू हो चुका है। राजस्थान को सर्वाधिक 6 एक्सप्रेस वे मिले हैं। इनमें से दो एक्सप्रेस वे का काम आंशिक पूरा होने के साथ उन पर वाहनों का आवागमन चल रहा है।

फायदे

– यात्रा के समय में कमी, रोजगार के अवसर
– लॉजिस्टिक्स दक्षता और संपर्क में काफी सुधार होने की उम्मीद।
– यात्रा के समय में 40-50 प्रतिशत की कमी – जयपुर-दिल्ली नया एक्सप्रेस-वे बनने से यह साबित हो चुका है।
– दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पूरा बनने से इन दोनों शहरों के बीच की दूरी महज 12 से 14 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
– नए हाइवे बनने से इसके आसपास की जमीनों पर आर्थिक गतिविधियां बढे़ंगी।
– हजारों लोगों को रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
– निर्माण गतिविधियों से मांग में बढ़ोतरी।


राजस्थान, मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के एक्सप्रेस वे व उनकी स्थिति

एक्सप्रेस वे लंबाई (किमी) स्थिति लाभांवित राज्य
दिल्ली-मुंबई 1386 आंशिक पूरा- दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, दादरा-नागर, महाराष्ट्र
अमृतसर-जामनगर 917 आंशिक पूरा – पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात
इंदौर-हैदराबाद 525 आंशिक पूरा -मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना
कोटा-इंदौर 135 (गरोठ-उज्जैन) प्रक्रियाधीन राजस्थान, मध्यप्रदेश
कोटा-इटावा 412 वर्क ऑर्डर बाकी राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश
अंबाला-कोटपूतली 313 कार्य पूर्ण राजस्थान, हरियाणा
सांचौर-अहमदाबाद 212 वर्क ऑर्डर बाकी राजस्थान, गुजरात
रायपुर-विशाखापत्तनम 465 प्रक्रियाधीन छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश

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प्रोजेक्ट के तहत बड़े राज्यों की स्थिति (किमी)

राज्यकुल लंबाई (किमी)कार्य मंजूर (किमी)कार्य पूरा (किमी)
राजस्थान250323602152
मध्यप्रदेश302920171137
छत्तीसगढ़571471134
महाराष्ट्र302921741628
तमिलनाडु241414761011
उत्तर प्रदेश312724961612
आंध्र प्रदेश25251936641
कर्नाटक15771194742
बिहार15721152571

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