ये मित्रकाल के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई
राहुल ने सूरत कोर्ट से 13 मई तक जमानत मिलने के बाद हिंदी में ट्वीट करते हुए अपनी पहली प्रतिक्रिया जाहिर की। राहुल ने लिखा, “ये ‘मित्रकाल’ के विरुद्ध, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। इस संघर्ष में, सत्य मेरा अस्त्र है, और सत्य ही मेरा आसरा!”
मित्रकाल से क्या मतलब है राहुल का?
राहुल ने अपने ट्वीट में अपनी लड़ाई मित्रकाल के खिलाफ बताई है। यहाँ राहुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और बिज़नेस टायकून गौतम अडानी (Gautam Adani) को मित्र बताते हुए उनके खिलाफ अपनी लड़ाई को प्रमाणित कर रहे हैं। राहुल समय-समय पर यह कहने से पीछे नहीं हट रहे कि पीएम मोदी के शासन में देश में लोकतंत्र खतरे में है।
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सत्य को बताया अपना अस्त्र और आसरा राहुल ने पीएम मोदी और अडानी के मित्रकाल के खिलाफ लड़ाई में सत्य को ही अपना अस्त्र यानी कि हथियार और आसरा यानी कि सहारा बताया। राहुल समय-समय पर कह रहे हैं कि वह सच्चाई की राह पर चलते हुए देश को बचाएंगे। राहुल का मानना है कि पीएम मोदी से देश और देश के लोकतंत्र को खतरा है। ऐसे में राहुल का कहना है कि वह सच के दम पर लड़ते हुए इस लड़ाई को जीतेंगे।