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हिंदुओं की आबादी घटी, मुस्लिमों की बढी : अध्ययन पर बवाल, आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट के बाद गरमाया मुद्दा

देश में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी पिछले 65 साल में कम हुई है। जैन और पारसी आबादी इस अवधि में घटकर क्रमशः 0.36 फीसदी और 0.004 फीसदी पर आ गई।

नई दिल्लीMay 10, 2024 / 09:19 am

Shaitan Prajapat

देश में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी पिछले 65 साल में कम हुई है। जबकि अल्पसंख्यक मुसलमानों की आबादी में बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्ययन के मुताबिक 1950 में भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी करीब 84 फीसदी थी जो 2015 में 7.8 फीसदी घटकर करीब 78 फीसदी हो गई है। इस दौरान मुसलमानों की हिस्सेदारी 9.84 फीसदी से बढ़कर 14.09 फीसदी हो गई। इसी अवधि में ईसाई आबादी की हिस्सेदारी भी 5.4 फीसदी बढ़कर 2.36 फीसदी हो गई है। इसी अवधि में सिख और बौद्ध आबादी भी बढ़ी है। हालांकि जैन और पारसी आबादी की हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई। परिषद ने अपने अध्ययन में यह नहीं बताया है कि आबादी बढ़ने या घटने की क्या वजह है। राजनीतिक गलियारों में इसके सियासी नफा-नुकसान का आकलन किया जाने लगा है।

रिपोर्ट के बाद गरमाया मुद्दा

आर्थिक सलाहकार परिषद की इस रिपोर्ट सार्वजनिक के बाद देश में सियासत गर्म होने लगी है। भाजपा ने इसके लिए कांग्रेस सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्षी पार्टियों पर हमलावर होते हुए इसे भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की साजिश करार दे दिया। सियासी गलियारों से लेकर हिंदुओं की पैरोकारी करने वाले संगठनों ने इस अध्ययन के आधार पर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग की है। विपक्ष की तरफ से इस मुद्दे पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

आंकड़े कितने आधिकारिक?

चुनाव के मौसम में राजनीतिक दलों को भी एक नया मुद्दा मिल गया हैं। जानकारों के मुताबिक अब बचे हुए चुनावों में यह मुद्दा बड़े जोर-शोर से उठेगा। चुनाव के समय सामने आए इस अध्ययन पर कुछ लोग सवाल भी उठा रहे हैं। पूछा जा रहा है कि अभी तक जनगणना नहीं हुई है तो यह आंकड़े कितने आधिकारिक हैं और कितने मान्य हैं। इस पर सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। यह रिपोर्ट तैयार करने वाली सलाहकार परिषद में शमिका रवि, अपूर्व मिश्रा और अब्राहम जोस शामिल हैं।

भारत में फलफूल रही है अल्पसंख्यक आबादी

  • अध्ययन का निष्कर्ष सामने आया कि कुछ हलकों में विपरीत चर्चा के बावजूद भारत में मुसलमानों की स्थित अच्छी है। यहां अल्पसंख्यक समुदाय न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि फलफूल रहे हैं।
  • यह निष्कर्ष दक्षिण एशिया के देशों के संदर्भ में और अहम हो जाता है, जहां बहुसंख्यक आबादी की आबादी की हिस्सेदारी बढ़ी है और अल्पसंख्यक आबादी गिरी है।
  • मालदीव को छोड़कर सभी मुस्लिम बहुल देशों में मुसलमानों की आबादी की हिस्सेदारी बढ़ी है। गैर-मुस्लिम बहुल देशों में सिर्फ श्रीलंका और भूटान में बहुसंख्यक आबादी की हिस्सेदारी बढ़ी है।

हिंदुओं को वर्षों से दबाया गया : स्मृति

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आर्थक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में हिंदू समाज को वर्षों से दबाया गया है। हिंदू समाज और सनातन धर्म को परेशान करना और उसे वंचित रखना कांग्रेस की परंपरा है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि हिंदुओं पर कांग्रेस शासन में किस तरह सामाजिक हमले किए गए।

समान जनसंख्या नीति जरूरी : विहिप

आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट ने समान जनसंख्या नीति बनाने की पिच तैयार कर दी है। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने आर्थिक सलाहकार परिषद की आबादी के आंकड़ों रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए देश में समान जनसंख्या नीति बनाने की मांग की है। विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विश्व भर में यह रेकार्ड है कि जहां मुस्लिम बढ़ जाते हैं, वहां वहां गैरमुस्लिम अस्तित्व हीन हो जाते हैं। वे वहां से भाग जाते हैं या फिर मारे जाते हैं। जब तक ये अल्पसंख्यक रहते हैं, पीड़ित होने का ढाेंग रच कर यानी विक्टिम कार्ड खेल कर बहुसंख्यकों को बदनाम करते रहते हैं।

सनातन ध्वज वाहक नहीं बचेंगे : शुक्ल

अखिल भारतीय संयुक्त हिंदू सनातन महासभा के सचिव आचार्य देवेंद्र शुक्ला कहते हैं कि अगर हिंदुओं की आबादी इस कदर घट रही है तो अब केंद्र सरकार को इस पर कड़े फैसले लेने होंगे। अगर हिंदुस्तान में हिंदुओं की आबादी ही कम हो जाएगी, तो हमारी सनातन परंपरा के ध्वजवाहक फिर कहां ढूंढे जाएंगे। अब केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना चाहिए, ताकि जनसंख्या पर नियंत्रण हो सके।

मारे जा रहे या धर्मांतरण : साक्षी महाराज

भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि इसके स्पष्ट मायने हैं या तो हिंदू मारे जा रहे हैं या फिर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है। देश में जल्द ही जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाना चाहिए। यह कानून राष्ट्रहित में है। जो रिपोर्ट आई है वह बहुत ही आहत करने वाली है।

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