अप्रैल में चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों के नाम बदले थे, जिसपर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। अब भारत भी तिब्बत में 30 स्थानों का नाम बदलेगा। पीएम मोदी की नेतृत्व वाली नई सरकार ने तिब्बत में 30 स्थानों के नाम बदलने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नाम में बदलाव तिब्बत की संरचना और इतिहास को ध्यान में रखकर तय किए जाएंगे। बदले हुए नाम भारतीय सेना जारी करेगी और नक्शा में भी नामों को बदला जाएगा।
समाधान नहीं निकला…
5 मई 2020 को पैंगोंग त्सो इलाके में हुई हिंसक झड़प के बाद, पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव शुरू हुआ। यह घटना ने दोनों देशों के बीच व्यापार को छोड़कर अन्य संबंधों में गिरावट का कारण बना। मामला सुलझाने के लिए दोनों पक्षों ने 21 दौर की सैन्य वार्ता की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। हाल ही में, चीन ने अप्रैल 2024 में अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों के नाम बदलने का कदम उठाया, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके जवाब में, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत ने तिब्बत में स्थानों के नाम बदलने का निर्णय लिया है, जिससे अपने क्षेत्रीय दावों को मजबूत किया जा सके।
इस लिस्ट में 11 आवासीय क्षेत्र, 12 पहाड़, 4 नदियाँ, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा और एक ज़मीन का टुकड़ा शामिल हैं। इन स्थानों के नाम फिलहाल चीनी, तिब्बती और पिनयिन भाषाओं में हैं।