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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोम में 16वें G-20 लीडर्स समिट में G-20 देशों के नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के पूरे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कहा कि इटली में G-20 शिखर सम्मेलन में कोविड-19 महामारी से मुकाबले सहित भविष्य में पेश आने वाली ऐसी ही चुनौतियों को लेकर ठोस परिणाम निकल सकते हैं। वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा, आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
श्रृंगला ने कहा कि जी-20 भारत के लिए दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ संपर्क करने तथा वैश्विक आर्थिक विकास एवं सुधार के चलन एवं मानदंड तय करने का महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा कि भारत विकासशील देशों के आम नागरिकों तथा G-20 में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की आवाज बना रहेगा। विदेश सचिव ने कहा कि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से मिलेंगे तथा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो तथा सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत करने के अलावा कई द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
श्रृंगला ने बताया कि G-20 में कोविड महामारी तथा भविष्य में संभावित किसी महामारी के प्रबंधन पर ध्यान दिया जाएगा तथा वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि G-20 में इसके बारे में ठोस परिणाम सामने आ सकते हैं। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक तंत्र स्थापित करने का भी सुझाव है।
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श्रृंगला ने बताया कि G-20 सम्मेलन में महामारी से उबरने, वैश्विक स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने, आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और खाद्य सुरक्षा पर चर्चा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत, इटली द्वारा चुने गए इन सभी क्षेत्रों का पूरी तरह समर्थन करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इटली के अपने समकक्ष मारियो द्रागी के निमंत्रण पर रोम जा रहे हैं।
G-20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक वैश्विक मंच है। इसके सदस्य देशों में दुनिया की 80 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत वैश्विक कारोबार शामिल है। इस समूह की आबादी दुनिया की कुल आबादी का 60 प्रतिशत है। इस वर्ष समूह का मुख्य विषय लोग, पृथ्वी और समृद्धि है। श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी रोम के बाद 26वें कांफ्रेंस आफ पार्टीज (COP-26) जलवायु वार्ता में विश्व नेताओं की शिखर बैठक में हिस्सा लेने ब्रिटेन के ग्लासगो जाएंगे।