प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘कैसे व्यवहारिक परिवर्तन से जलवायु परिवर्तन से निपटा जा सकता है’ इस पर भारत के दृष्टिकोण को सामने रखा। पीएम मोदी ने कहाकि, जलवायु परिवर्तन से लड़ने के सबसे शक्तिशाली तरीकों में से एक व्यवहार परिवर्तन है, जिसकी शुरुआत हर घर से होनी चाहिए।
लाइफ (LiFE) की पहल पर पीएम मोदी ने कहा कि, हर परिवार और हर व्यक्ति को इस बात से अवगत कराना होगा कि, उनकी पसंद से पृथ्वी को पैमाना और गति प्रदान करने में मदद मिल सकती है। पीएम मोदी ने अपनी टिप्पणियों में कहा, मिशन लाइफ (LiFE) जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को लोकतंत्रीकरण करने के बारे में है। जब लोग इस बात से जागरूक हो जाएंगे कि उनके दैनिक जीवन के सरल कार्य भी शक्तिशाली हो सकते हैं, तब पर्यावरण पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
व्यवहार परिवर्तन पर बोलते हुए पीएम मोदी ने बताया कि, विश्व बैंक समूह जलवायु वित्त को 26 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करना चाहता है। पीएम मोदी ने निष्कर्ष निकाला कि, कुल वित्त पोषण के एक हिस्से के रूप में इस जलवायु वित्त का ध्यान आमतौर पर पारंपरिक पहलुओं पर केंद्रित है, व्यवहारिक पहलों के लिए पर्याप्त वित्तपोषण मामलों पर काम करने की आवश्यकता है। विश्व बैंक से व्यवहारिक पहलों के प्रति समर्थन किया जाता है तो मिशन लाइफ जैसे मिशन का कई गुणा प्रभाव होगा।
इस कार्यक्रम में विश्व बैंक के प्रमुख डेविड मालापास भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, समुदायों और उनके पर्यावरण के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित करने वाली भारत की पहल के बारे में आज नरेंद्र मोदी से सुनकर अच्छा लगा।