अफगानिस्तान से सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया और अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। बता दें कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलने वाले अल्पसंख्यकों के प्रति मोदी सरकार ने कई बार अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
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अफगानी पोशाक में खास अंदाज
अफगानिस्तान से आए प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अफगानी पोषाक और पगड़ी पहनाई। अपने अफगानी अंदाज को खुद पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिए साझा भी किया। पीएम मोदी ने लिखा- अफगानिस्तान से आए हिंदू और सिख शरणार्थियों के साथ बातचीत की एक झलक।
तालिबान ने कर लिया था अपहरण
अफगानिस्तान के काबुल से आए निदान सिंह सचदेवा ने बताया कि उनका तालिबान ने अपहरण कर लिया था। उन्होंने कहा कि, ये अपहरण गुरुद्वारे से किया गया था। उन्होंने हमें भारतीय जासूस बताना शुरू कर दिया और चाहते थे कि हम तालिबानी बन जाएं।
पीएम बोले- अफगानियों का घर है भारत
पीएम ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और कहा कि वे मेहमान नहीं हैं बल्कि अपने घर में ही हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से अफगानिस्तान में उनके सामने आने वाली भारी कठिनाइयों और उन्हें सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार की ओर से प्रदान की गई मदद के बारे में बात की।
सीएए के मुद्दे पर भी हुई चर्चा
पीएम मोदी ने इस दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के महत्व और समुदाय के लिए इसके लाभों के बारे में भी बात की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने भविष्य में भी उनके सामने आने वाले सभी मुद्दों और कठिनाइयों को हल करने का आश्वासन भी दिया।
PM मोदी ने गुरु ग्रंथ साहिब को सम्मानित करने की परंपरा के महत्व के बारे में चर्चा की। दरअसल अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। उन्होंने वर्षों से अफगानों से मिले अपार प्यार के बारे में बात की और काबुल की अपनी यात्रा को भी याद किया।
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