प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हम शिलांग से यह कह सकता हूं कि हमारी नजर भले ही कतर में चल रहे खेल पर है। मैदान में जो विदेशी टीमें हैं उन पर नजरें हैं, लेकिन मुझे मेरे देश की युवा शक्ति पर भरोषा है। इसलिए वो दिन दूर नहीं जब भारत में ऐसा ही उत्सव मनाएंगे, और तिरंगे के लिए चियर करेंगे।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास सिर्फ बजट, टेंडर, शिलान्यास, उद्घाटन इन्हीं सब तक सीमित नहीं है। ये तो साल 2014 से पहले भी होता था, लेकिन आज जो बदलाव आया है वह हमारे इरादे, संकल्पों और कार्य संस्कृति में आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संकल्प आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से विकसित भारत के निर्णाण का है और इरादा भारत के हर क्षेत्र, हर वर्ग को तेज विकास के मिशन से जोड़ने का है। सबके प्रयास से भारत के विकास का है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं को बदल दिया, जिसका सकारात्मक प्रभाव पूरे देश में दिखाई दे रहा है। इस साल केंद्र सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर पर 7 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रहा है, जो 8 साल पहले 2 लाख करोड़ रुपए से भी कम का था। यानी आजादी के सात दशक बाद भी केवल 2 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचे, जिसे हमने 8 सालों में चार गुना बढ़ाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 8 सालों में मेघालय में नेशनल हाइवे को बनाने के लिए 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। वहीं पिछले 8 सालों में जितनी ग्रामीण सड़के मेघालय में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनी है। वह पिछले 20 सालों में बनी सड़को से 7 गुना ज्यादा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि लंबे समय तक देश में ये सोच रही है कि बॉर्डर एरिया में विकास होगा, कनेक्टटिविटी बढ़ेगी तो दुश्मन को फायदा होगा। पहले की सरकार इसी सोच के कारण नॉर्थ ईस्ट समेट देश के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई। आज डंके की चोट पर बॉर्डर पर नई सड़कें, नई टनल, नए पुल, नई रेल लाइन, नए एयर स्ट्रिप बनाने का काम तेज़ी से चल रहा है, जो सीमावर्ती गांव कभी वीरान हुआ करते थे, हम उन्हें वाइब्रेंट बनाने में जुटे हैं।