लोकसभा में पूरे दिन की ऐसी रही स्थिति
दोपहर बाद 2 बजे जब लोक सभा की कार्यवाही शुरू हुई तो एक बार फिर हंगामेदार द्वश्य ही सदन में नजर आया। भाजपा सांसद लगातार राहुल गांधी से सदन में आकर माफी मांगने की मांग कर रहे थे वहीं विपक्षी सांसद सदन में तख्तियां (प्लेकार्ड) लहराकर नारेबाजी कर रहे थे। हंगामे और नारेबाजी के बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने खड़े होकर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के स्पष्ट निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि सदन में प्लेकार्ड लहराना गलत है और ऐसा करने वाले सांसदों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने बार-बार सदन में प्लेकार्ड लहराने को नियमों के खिलाफ बताते हुए हंगामा कर रहे सांसदों से अपनी-अपनी सीट पर जाकर सदन चलने देने का अनुरोध किया। लेकिन इसके बाजवूद सदन में हंगामा जारी रहा। इस हंगामे और नारेबाजी के बीच पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने जरूरी कागज सदन के पटल पर रखवा कर सदन स्थगित कर दिया
स्पीकर की चेतावनी का सांसदों का नहीं दिखा कोई असर
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला भी तख्तियां लहराने वाले सांसदों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन सबसे बार- बार अपनी-अपनी सीट पर जाने और सदन चलने देने की अपील करते रहे। लेकिन हंगामा लगातार जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। दोपहर बाद 2 बजे जब लोक सभा की कार्यवाही शुरू हुई तब भी सदन में हंगामेदार ²श्य ही नजर आया। हंगामे और नारेबाजी के कारण उस समय सदन चला रहे पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब को सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा।
राज्यसभा में पूरे दिन कार्यवाही रही ठप
दूसरी ओर राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को भी पूरी तरह से ठप रही। बुधवार सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ की गई लेकिन जल्द ही शोर-शराबे के कारण सभापति को सदन की कार्रवाई दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोपहर 2 बजे सदन की कार्रवाई पुन प्रारंभ होने पर सभापति की अनुमति से नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे बोलने के लिए खड़े हुए।
उपराष्ट्रपति की अपील के बाद भी नहीं थमा शोर-शराबा
इस दौरान भाजपा सांसदों ने जबरदस्त नारेबाजी की। सभापति (उपराष्ट्रपति) ने नारे लगा रहे सांसदों से शोर न करने की अपील की, लेकिन सांसदों का शोर शराबा कम नहीं हुआ। अंत में कुछ ही क्षण बाद ही राज्यसभा की कार्यवाही को गुरुवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा। दरअसल कांग्रेस समेत अधिकांश विपक्षी सांसद अदानी मुद्दे की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग कर रहे हैं।
इस मुद्दे पर लगातार संसद के भीतर भी विपक्ष के सांसद नारेबाजी करते आ रहे हैं। बुधवार को जैसे ही खरगे बोलने के लिए अपनी सीट पर खड़े हुए तो इस बार सत्ता पक्ष के सांसदों ने सदन में शोर मचाना शुरू कर दिया। इस पर राज्यसभा के सभापति को सदन की कार्रवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
स्वयं सत्तापक्ष ही सदन को नहीं चलने दे रहा- कांग्रेस
दरअसल राज्यसभा के भीतर विपक्षी सांसद जेपीसी की मांग को लेकर नारेबाजी करते नजर आए तो वहीं सत्तापक्ष के सांसदों का कहना था कि राहुल गांधी को अपने वक्तव्य के लिए माफी मांगनी चाहिए। अपनी इस मांग को लेकर सत्तापक्ष के सांसदों ने भी सदन में जमकर नारेबाजी की।
सदन की कार्रवाई स्थगित होने के उपरांत सदन के बाहर विपक्षी सांसदों ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन में उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राज्यसभा में अजीब स्थिति बनी हुई है, यहां स्वयं सत्तापक्ष ही सदन को नहीं चलने दे रहा।
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