इधर PM ने किया वन नेशन वन इलेक्शन का ऐलान, उधर सहयोगियों ने भी मिलाया सुर में सुर
One Nation One Election: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर भी अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर भी अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री ने राजनीति में परिवारवाद और जातिवाद समाप्त करने और 1 लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाने की बात कही जिनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड न हो। वहीं, प्रधानमंत्री के इस ऐलान के तुरंत बाद उनके सहयोगियों ने भी उनके सुर में सुर मिलाया है।
पीएम ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि बार-बार आने वाले चुनाव इस देश की प्रगति में रुकावट उत्पन्न करते हैं। आज कोई भी योजनाओं को चुनाव के साथ जोड़ना आसान हो गया है। क्योंकि हर 3 महीने 6 महीने बाद चुनाव होते हैं। हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है इसलिए देश ने व्यापक चर्चा की है।
सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं। मैं लाल किले से तिरंगे को साक्षी रखते हुए देश के राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं। संविधान को समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूं कि भारत की तरक्की के लिए, भारत के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जन सामान्य के लिए हो सके, इसके लिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए हमें आगे आना चाहिए।
सहयोगियों ने भी मिलाया सुर में सुर प्रधानमंत्री के वन नेशन वन इलेक्शन की बात का उनके सहयोगियों ने समर्थन किया है। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की चर्चा की है, और कहा है कि इस पर चर्चा होनी चाहिए। स्वाभाविक है कि चुनाव प्रबंधन में हर तरह से विकास कार्य प्रभावित होते हैं। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं। लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव, पंचायत और नगर निकाय चुनाव होते हैं। इससे चुनाव खर्च और विकास कार्य प्रभावित होते हैं। ये सभी मुद्दे महत्वपूर्ण और सराहनीय हैं। ऐसे में स्वाभाविक सवाल है कि सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करके और आम सहमति बनाकर देश को आगे बढ़ना चाहिए।”