बता दें कि अभी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। कुछ लोगों को कहना है कि ओमिक्रॉन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से कम घातक है। हालांकि यह तेजी से फैल रहा है, लेकिन मरीजों में कोई गंभीर समस्या देखने को नहीं मिल रही है।
ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज को रात में हो रही ये समस्याएं
ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग के जनरल प्रैक्टिशनर डॉ. उनबेन पिल्ले का कहना है कि ओमिक्रॉन के मरीजों को रात में अधिक समस्या हो सकती है। वहीं कुछ ऐसे लक्षण हैं जो मरीजों को रात में परेशान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों को रात में पसीना आने की शिकायत हो सकती है। वहीं कई बार मरीज को इतना ज्यादा पसीना आता है कि उसके कपड़े या बिस्तर तक गीला हो सकता है। खास बात यह है कि संक्रमित को ठंडी जगह में रहने पर भी पसीना आ सकता है। इसके साथ ही मरीज को रात में शरीर में दर्द की शिकायत भी हो सकती है।
डॉ. उनबेन ने बताया कि कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में सूखी खांसी के लक्षण भी देखे गए हैं। उन्होंने बताया कि ये लक्षण कोरोना के अब तक सभी पुराने स्ट्रेन में देखा जा चुका है। इसके साथ ही मरीज में बुखार और मांसपेशियों में दर्द जैसी शिकायतें भी हो सकती हैं। वहीं मरीज को गला छिलना, हल्का बुखार जैसे समस्याएं हो सकती हैं। वहीं ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज को थकावट भी महसूस हो सकती है।