ओवैसी ने कहा, “उमर अब्दुल्ला भारतीय इतिहास के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री होंगे। कश्मीर के लोगों ने अनुच्छेद 370 के खात्मे के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है और बहुत ही निर्णायक फैसला सुनाया है। भाजपा पहाड़ी और गुज्जरों को बांटना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा ने जम्मू में 27 सीटें जीती हैं और कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट जीती है, जो मुख्य चिंता का विषय है…”
धर्मनिरपेक्ष दलों को आत्ममंथन करने की जरुरत
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार, 8 अक्टूबर को घोषित किए गए। जेकेएनसी ने 42 सीटों के साथ गठबंधन की अगुआई की, जबकि कांग्रेस ने छह सीटें हासिल कीं। भाजपा ने भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 29 सीटें जीतीं। ओवैसी ने जोर देकर कहा कि धर्मनिरपेक्ष दलों को आत्ममंथन करने और आगामी राज्य विधानसभाओं के लिए योजना बनाने की जरूरत है। अनुच्छेद 370 को खत्म करने का विरोध करते हुए ओवैसी ने विधेयक को ‘संवैधानिक रूप से गलत’ बताया। उन्होंने कहा, “मेरी पार्टी अनुच्छेद 370 को खत्म करने वाले विधेयक का विरोध करती है। इसके एक प्रावधान के तहत एलजी को पांच विधायकों को नियुक्त करने की अनुमति है, जो मेरा मानना है कि संवैधानिक रूप से गलत है। अगर मौजूदा सीएम विधायकों को नियुक्त नहीं कर सकते, लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त एलजी ऐसा कर सकते हैं, तो सीएम की क्या भूमिका है?” अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद जम्मू और कश्मीर में यह पहला चुनाव था।