8 मिनट में भूकंप के डबल झटकों से थर्राया उत्तर भारत, कोई छत से कूदा तो कोई नींद में से उठकर घर छोड़ भागा
Earthquake : भूकंप की तीव्रता इतनी थी कि मकानों के पंखे और झूमर सब हिलने लगे। इन्हें हिलता देख सभी लोग दहशत में आ गए। भय के कारण जो जहां जैसे जिस स्थिति में था वह अपनी जान बचाकर भागने लगा।
उत्तर भारत के राज्य आज सुबह भूकंप के झटकों से थर्रा गया। एक घंटे में दो बार भूकंप के झटके लगे। यह इतने तीव्र गति के थे कि कोई अपने दो मंजिला मकान से कूद कर चोटिल हो गया तो कोई घर छोड़कर भाग गया। चारों तरफ बदहावसी और अफरातफरी का माहौल देखने को मिला। सुबह ढंग से अभी नींद खुली भी न थी कि 6 बजकर 45 मिनट पर भूकंप के झटकों से बारामूला थर्रा गया।
भूकंप की तीव्रता इतनी थी कि मकानों के पंखे और झूमर सब हिलने लगे। इन्हें हिलता देख सभी लोग दहशत में आ गए। भय के कारण जो जहां जैसे जिस स्थिति में था वह अपनी जान बचाकर भागने लगा। अभी सब लोग संभाल पाते कि इससे पहले फिर एक भूकंप आ गया। फिर कई घंटों तक लोग घरों में घुसने से कतराते रहे। काफी समय बीतने के बाद लोग सामान्य हुए। बस गनीमत यह रही कि कहीं से भी किसी नुकसान की खबर नहीं सामने आई है।
राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने बताया कि बारामूला में पहला भूकंप 6 बजकर 45 मिनट 57 सेकेंड पर आया। इसकी तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 4.9 थी। इसका केंद्र 5 किलोमीटर की गहराई में था। यह 34.17 उत्तर अक्षांश और 74.16 पूर्व देशांतर पर आया था।
अभी कुछ मिनट बीते ही थे कि 6 बजकर 52 मिनट 29 सेकेंड पर फिर भूकंप आ गया। इस बार भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। इसकी तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 4.8 थी। यह 34.20 उत्तर अक्षांश और 74.31 पूर्व देशांतर पर आया था।
8 अक्टूबर 2005 में आया था 7.6 तीव्रता का भूकंप, 80 हजार लाशों का कब्रगाह बन गया था कश्मीर
मौसम विभाग के मुताबिक, भूकंप का असर पूरी कश्मीर घाटी में महसूस किया गया है। भूकंप के झटकों के बाद घरों में मौजूद लोग बाहर निकल आए। प्रांतीय अधिकारियों ने कहा है कि अभी तक घाटी में जान-माल के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। आपको बता दें कि कश्मीर घाटी भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है। 8 अक्टूबर, 2005 को कश्मीर में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भीषण भूकंप ने कश्मीर में तबाही मचाई थी, जिसमें 80,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
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