Scientific Research: नाग और नागिन (Nagin) के बारे में भारतीय समाज में कई सारी कहानियां और मान्यताएं प्रचलित हैं। इन कहानियों में से एक यह भी बहुत पॉपुलर स्टोरी है कि अगर कोई व्यक्ति नाग को मार देता है तो उसे नागिन के बदले का सामना करना पड़ता है। दरअसल ऐसा माना जाता है कि नागिन अपने नाग की मौत का बदला लेती है। चलिए जानते हैं इसके पीछे की सच्चाई-
मेमोरी- कहानियों और हिंदी फिल्मों के अनुसार लोग मानते हैं कि नाग की मौत के बाद नागिन सांप की आंख में कातिल का चेहरा देख लेती है। हालांकि, वैज्ञानिकों की ओर से सांप पर रिसर्च करने पर पता चला कि सांपों की याददाश्त (Snakes Memory) बहुत कम होती है। सांप मुख्य रूप से अपनी इंद्रियों पर निर्भर रहते हैं। वे किसी व्यक्ति को पहचानने या याद रखने में सक्षम नहीं होते। हैं।
संवाद- इसके अलावा सांप एक दूसरे के साथ संवाद (Snakes Communications) करने के लिए फेरोमोन का उपयोग करते हैं। जब कोई सांप मारा जाता है तो वह कुछ विशेष प्रकार के फेरोमोन (Pheromone) छोड़ता है। ये फेरोमोन अन्य सांपों को संकेत देते हैं कि खतरा है।
नागिन बदला लेती है या नहीं?
नागों और नागिनों से जुड़ी कहानियां हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इनका अपना महत्व है। वैज्ञानिक नजरिये से सांपों में बदला लेने की कोई प्रवृत्ति नहीं होती है। वो सिर्फ अपने बचाव के लिए या भोजन की तलाश में ही हमला करते हैं। नाग और नागिन से जुड़ी कई लोककथाएं और धार्मिक मान्यताएं हैं जो इन प्राणियों को अलौकिक शक्तियों से युक्त मानती हैं। विज्ञान के अनुसार, नागिन के बदला लेने की कहानी एक मिथक है। सांपों में बदला लेने की कोई प्रवृत्ति नहीं होती है। वो सिर्फ अपनी प्रवृत्ति के अनुसार काम करते हैं। हालांकि हाल ही में एक घटना ने इस बात को छेड़ दिया कि क्या नागिन वाकई बदला लेती है? दरअसल हापुड़ के सदरपुर गांव के लोग गांव में काट रहे सांप रहे नागिन का इंतकाम मान रहे हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सांप ने जिन पांच लोगों को काटा उनमें एक ही परिवार के तीन लोग थे। मां और बेटा-बेटी को सांप ने डंस लिया था और तीनों की मौत हो गई थी। फिलहाल ये सांप अब वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। बताया गया है कि ये नागिन नहीं थी, लेकिन गांव वालें इसे नागिन ही मान रहे हैं।