जल्दी आया, देर से जाएगा
मानसून इस बार केरल और पूर्वाेत्तर भारत में एक साथ 30 मई को आया जो उसके आगमन की सामान्य तिथि से दो दिन पहले था। मानसून लौटने की सामान्य तिथि 17 सितंबर से छह दिन देरी से जाएगा। मानसून दो जुलाई को पूरे देश पर छा गया था।पूर्वी भारत में कम बरसात
मानसून सीजन में अब तक, मध्य और दक्षिणी भारत में सामान्य से अधिक, उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य, तथा उत्तर-पूर्वी भारत में सामान्य से कम बारिश हुई। राज्यवार केवल सात राज्यों व यूटी, बिहार, पंजाब, नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में औसत से कम बरसात हुई।अब गाड़ी के चालान पर 50% की छूट! सरकार का बड़ा फैसला, लेकिन माननी होगी ये शर्त
खेतों में खुशहाली, बुवाई पहले से ज्यादा
देश में मानसून की मेहरबानी के चलते इस बार खरीफ की बुवाई का रकबा भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है। पिछले साल खरीफ सीजन में 1072.94 लाख हैक्टेयर में बुवाई की गई थी जबकि इस बार 17 सितंबर तक 1096.65 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। खास बात यह है कि कृषि मंत्रालय 1096 लाख हैक्टेयर को ही बुवाई योग्य क्षेत्र मानता है। कपास और जूट को छोड़कर अन्य सभी फसलों चावल, दलहन, तिलहन और मोटा अनाज का रकबा बढ़ा है।RDAI ने बदले Health Policy के नियम, पुरानी पॉलिसी पर भी मिलेगा लाभ, चेक कीजिए और क्या मिलेगा फायदा?
किस क्षेत्र पर कितना मेहरबान(औसत बारिश से विचलन राज्यों/यूटी में)
क्षेत्र——ज्यादा—–सामान्य——कम
उत्तर-पश्चिमी भारत—-3—4—3
मध्य भारत—-4—-3—-0
दक्षिण भारत—5—3—0
उत्तर-पूर्वी भारत—0—7—-4
कुल—12–17–7