केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा है, ‘ पिछले दो वर्ष कोरोना महामारी (Covid Pendemic) के कारण सेना में भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हुई थी, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी (PM Narendra Modi) ने ‘अग्निपथ योजना’ में उन युवाओं की चिंता करते हुए पहले वर्ष उम्र सीमा में दो वर्ष की रियायत देकर उसे 21 साल से 23 साल करने का संवेदनशील निर्णय लिया है।
आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है दरअसल सेना में भर्ती के लिए लागू की गई नई योजना अग्निपथ (Agnipath Scheme) को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्रालय ने इस स्कीम के तहत इस साल की भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दी है। इससे पहले सरकार ने मंगलवार यानी 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि सभी नई भर्तियों के लिए आयु साढ़े 17 से 21 साल के बीच होनी चाहिए।
कोरोना के कारण भर्ती प्रभावित रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भी ये जानकारी दी थी कि, ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पिछले दो वर्षों के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हुआ, सरकार ने फैसला किया है कि 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया के लिए एकबारगी (आयु सीमा में) छूट दी जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत 2022 की भर्ती प्रक्रिया के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।
ऊपरी सीमा 23 वर्ष की गई इस प्रकार अब अग्निपथ योजना के लिए भर्ती प्रक्रिया के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है। आयु में छूट 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती चक्र के लिए केवल “एक बार” दी गई है। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। निर्णय लिया गया है क्योंकि पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं हुई थी, इसलिए दो वर्ष छूट दी गई है।
भर्तियां निलंबित रहने से दो वर्ष की छूट बता दें, अग्निपथ योजना के शुरू होने के परिणामस्वरूप, सशस्त्र बलों में सभी नए रंगरूटों के लिए प्रवेश आयु आयु 17.5 से 21 वर्ष निर्धारित की गई है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पिछले दो वर्षों के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हुआ है, सरकार ने निर्णय लिया है कि एकमुश्त छूट दी जाएगी। इसके बाद, 2022 के लिए अग्निपथ योजना के लिए भर्ती प्रक्रिया के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है।
नए प्रावधानों से नाखुश है युवा लेकिन देश का बेरोजगार और युवा वर्ग सेना नई भर्ती योजना के तहत शुरू किए गए परिवर्तनों से नाखुश है, विशेष रूप से सेवा की लंबाई, चार साल बाद हटाए गए लोगों के लिए कोई पेंशन प्रावधान नहीं होना, और 17.5 से 21 वर्ष की आयु का प्रतिबंध उनकी निराशा का कारण माने जा रहे हैं। इसके बाद कई राज्यों में इसके विरोध में आंदोलन फैल गया। इस योजना को रद्द करने की मांग को लेकर युवाओं ने रेलवे ट्रैक पर लेटकर और सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया है। बिहार के छपरा, जहानाबाद, मुंगेर और नवादा इलाकों में भारी भीड़ अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर जमा हो गई थी। सेना के उम्मीदवारों के एक समूह ने भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया और एक ट्रेन में आग लगाने से पहले पटरियों को अवरुद्ध कर दिया।
हरियाणा में भी शुरू हुआ विरोध हरियाणा के पलवल में भी लोगों ने रक्षा सेवाओं में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया। इसके बाद, पलवल में डीसी आवास पर तैनात पुलिस कर्मियों ने आवास पर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देने के लिए हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। पथराव में कई पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई, कई रोडवेज बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और राष्ट्रीय राजमार्ग 19 को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
पुलिस को करनी पड़ी हवाई फायरिंग भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवा में फायरिंग की। विरोध के बीच, स्थानीय अधिकारियों ने कुछ समय के लिए इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को भी निलंबित कर दिया। इसे बाद में वापस ले लिया गया। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए, पलवल में धारा 144 लागू कर दी गई है।
युवा और तकनीक सक्षम सेना बनाना है लक्ष्य बता दें, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को अग्निपथ भर्ती योजना को मंजूरी दे दी है, जो भारतीय युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों के नियमित कैडर में सेवा करने का अवसर प्रदान करती है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मंगलवार को कहा कि इस योजना का उद्देश्य सेना को भविष्य के लिए तैयार युद्धक बल बनाना है, जो संघर्ष के पूरे स्पेक्ट्रम में कई चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो। यह देशभक्त और प्रेरित युवाओं को सशस्त्र बलों में चार साल तक सेवा करने का अवसर देता है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। यह परिकल्पना की गई है कि इससे भारतीय सशस्त्र बलों की औसत आयु प्रोफ़ाइल लगभग 4-5 वर्ष कम हो जाएगी। माना जा रहा है नई सेना तकनीकी रूप से अधिक सक्षम होगी। चयन सशस्त्र बलों का अनन्य क्षेत्राधिकार होगा। इस साल कुल 46,000 अग्निशामकों की भर्ती की जाएगी।
पूरे देश में फैला योजना का विरोध बता दें, आज 17 जून को फिर इस योजना का पूरे देश में व्यापक विरोध किया जा रहा है और आज दक्षिण के राज्य तेलांगाना से भी रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ और ट्रेनों में आग लगाए जाने के समाचार हैं। बता दें, केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लागू किए अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ पिछले दो दिन से लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। सरकार के इस फैसले से नाराज देश के युवाओं ने बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh), उत्तराखंड (Uttarakhand), हरियाणा (Haryana), दिल्ली (Delhi), राजस्थान (Rajasthan) समेत कई राज्यों में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार यानी आज सुबह से ही एक बार फिर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। कहीं ट्रेन रोका जा रहा है तो कहीं सड़कों पर जाम लगाकर प्रदर्शनकारी अपना रोष जाहिर कर रही है। बिहार में आज फिर कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया है।
बिहार में उपमुख्यमंत्री के घर पर हमला बिहार में उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के घर पर भी प्रदर्शनकारियों द्वारा हमले की खबर है। एएनआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बेतिया में डिप्टी सीएम रेणु देवी के आवास पर #AgnipathScheme के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया है। उनका बेटे ने बताया है कि, “बेतिया में हमारे आवास पर हमला किया गया था। हमें बहुत नुकसान हुआ था। फिलहाल उपमुख्यमंत्री (रेणु देवी) पटना में हैं।”