आइए जानते है नई संसद के लिए कहां-कहां से लाई गईं नायाब चीजें….
– संसद में लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगवाया गया है।
– इसके फर्श पर लगाई गई बांस की लकड़ी अगरतला से मंगवाई गई है।
– इसके फ्लोर पर लगाई गई कालीन यूपी के मिर्जापुर की है।
– नई संसद में लगी सागौन की लकड़ी नागपुर लाई गई है।
– राजस्थान के सरमथुरा का सैंडस्टोन (लाल और सफेद) का इस्तेमाल हुआ है।
– अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और जयपुर से लाए गए।
– राजस्थान के राजनगर और नोएडा से स्टोन जाली वर्क्स से मंगवाए गए।
– इसमें कुछ फर्नीचर मुंबई से भी लाया गया है।
– नए संसद भवन के लिए लाख लाल जैसलमेर से मंगवाया गया।
– उदयपुर से केशरिया ग्रीन स्टोन मंगवाया गया।
– राजस्थान के अंबाजी से अंबाजी सफेद संगमरमर खरीदा गया था।
– इसके अलावा पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर से लाए गए।
– कुछ पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से भी मंगवाए गए।
– एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी से लाया गया।
– इसमें एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन व दीव से ली गई।
– इनके अलावा फ्लाई ऐश ब्रिक्स को NCR, हरियाणा और यूपी से मंगवाया गया।
– ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच अहमदाबाद से लाया गया।
नई संसद में आधुनिक भारत छलक
नई संसद की इमारत में भारत के आधुनिक बनने तक के सफर की छलक भी देखने को मिलेगी। इसमें देश के हर हिस्से की मूर्तियां और आर्ट वर्क देखने को मिलेगी। इस इमारत में देश में पूजे जाने वाले जानवरों की झलकियां भी दिखाई देगी। इनमें गज, गरुड़, अश्व और मगर सहित कई जानवर शामिल हैं।
नई संसद में रखा जाएगा ‘सेंगोल’, चोल वंश और भारत की आज़ादी से जुड़ा है इतिहास, जानिए कैसे बना सत्ता का प्रतीक
भव्य संविधान हॉल, लाउंज, लाइब्रेरी
लोकतंत्र के मंदिर के भवन में तीन द्वार बनाए गए हैं। इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। इस भवन एक भव्य संविधान हॉल, एक लाउंज, एक लाइब्रेरी, डाइनिंग हॉल और पार्किंग की जगह भी होगी।