दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा ‘मुझे बताया गया है कि ज्यादातर सीबीआई अधिकारी मनीष की गिरफ्तारी के खिलाफ थे। वे सभी उनका बहुत सम्मान करते हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने का राजनीतिक दबाव इतना अधिक था कि उन्हें अपने राजनीतिक आकाओं की बात माननी पड़ी।
सीएम अरविंद केजरीवाल के बयान पर भाजपा नेता मनोज तिवारी ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि, इस तरह की फेक न्यूज़ न फैलाएं, आपने आईबी को ले कर गुजरात में भी फैलाई थी। आप (अरविंद केजरीवाल) जो लिखते हैं वो मनगढ़ंत होता है। क़ानून को काम करने दो, शराब मंत्री के शराब घोटाले पर जांच की आंच जल्द आगे भी बढ़ेगी, ये ही आपका भी डर है ना।
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने तीखे तेवर में कहाकि, मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करना मोदी की सरकार का कायरतापूर्ण परिचय है, ये उनकी कायरतापूर्ण कार्रवाई है और दूसरी तरफ मोदी जी के मित्र अडानी है जिन्होंने लाखों-करोड़ का घोटाला किया लेकिन उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। संजय सिंह ने कहाकि, मैं PM से पूछना चाहता हूं कि आप अपने मुंह से अडानी का नाम क्यों नहीं लेते? आपके पास हिम्मत नहीं कि आप अडानी के खिलाफ कार्रवाई कर सकें। उनकी सरकार अडानी की नौकर है और हम उनसे नहीं डरते हैं। आपको जितना जेल में डालना हो डालिए लेकिन आपके भ्रष्टाचार के खिलाफ हम लड़ते रहेंगे।
भाजपा नेता व MoS मीनाक्षी लेखी ने कहाकि, यह सरकारी संस्थाएं हैं और वह सरकारी तौर पर काम करती हैं। जो व्यक्ति IT अधिकारी रह चुका है, उसकी भी जांच होनी चाहिए। सरकारी संस्थाएं सबूत मिलने के बाद कार्रवाई करती हैं। भाजपा के कहने पर काम कर रही होती तो (दिल्ली) चुनाव से पहले उनको गिरफ़्तार किया होता।
दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने भी भड़कते हुए कहाकि, जिस तरह से मनीष सिसोदिया की गिरफ़्तारी हुई और अडानी से यारी जारी है यह सवाल उठाता है कि देश में लोकतंत्र खत्म हो चुका है। यह सारे मंत्रियों को गिरफ़्तार कर लें उसके बाद भी सरकार और लड़ाई भी चलेगी। वह बताएं कि उन्होंने छापे किए उसमें क्या मिला?।