अमरीकी राजदूत क्या बोले
मणिपुर हिंसा पर किये गए एक सवाल पर एरिक गार्सेटी ने कहा कि इस स्थिति को ठीक करने में अमरीका किसी भी तरह से सहायता करने के लिए तैयार है। जब उनसे यह कहा गया कि यह भारत का आंतरिक मामला है तो उन्होंने जवाब में कहा कि अमरीका को रणनीतिक चिंता नहीं बल्कि मानवीय चिंताएं हैं।
गार्सेटी ने कहा- इस तरह के हिंसा में जब बच्चे मरते हैं, जो आगे देश का भविष्य बनते हैं तो आपको इसमें चिंता करने के लिए भारतीय होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। जरूरत पड़ने पर हम मदद के लिए तैयार हैं। हमें पता है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है और हम मणिपुर में शांति स्थापित हो इसके लिए प्रार्थना करते हैं। इस क्षेत्र में शांति स्थापित होने से यहां हम अपने देश से बड़ी संख्या में इन्वेस्टमेंट ला सकते हैं।
अमरीकी राजदूत को विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दी नसीहत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने भारत में अमरीकी राजदूत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मनीष तिवारी ने कहा- सार्वजनिक जीवन के 4 दशकों में जहां तक मुझे याद है, मैंने कभी किसी अमरीकी राजदूत को भारत के आंतरिक मामलों के बारे में इस तरह का बयान देते नहीं सुना है। हमने दशकों से पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व में संकटों का सामना किया और अपनी चतुराई और बुद्धिमत्ता से उनको हल किया। मुझे संदेह है कि इस बयान के जरीय अमरीका कोई खेल खेलना चाह रहा है।
पूरा मामला जानिए
बता दें कि, अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुई थीं। मेइती समुदाय मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए करीब 10,000 सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।
लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है, जिस कारण आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक इस हिंसा में 135 लोगों की जान जा चुकी है और 500 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। केंद्र की मोदी और राज्य की बिरेन सरकार अब तक इस मसले पर पूरी तरह विफल दिखी है। लेकिन अब जिस तरह से सेना उग्रवादियों पर कार्रवाई कर रही है, उससे लगता है की इन्हें फ्री हैण्ड दे दिया गया है। अब उम्मीद है की मणिपुर की स्थिति सुधरे।