scriptManipur Violence: मणिपुर में 11 कुकी उग्रवादी मारे गए, एक जवान शहीद, 5 नागरिक लापता | Manipur Violence: 11 Kuki Militants Killed in Manipur, One Soldier martyr, 5 Civilians Missing | Patrika News
राष्ट्रीय

Manipur Violence: मणिपुर में 11 कुकी उग्रवादी मारे गए, एक जवान शहीद, 5 नागरिक लापता

Manipur Violence: मणिपुर में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड में 11 संदिग्ध कुकी उग्रवादी मारे गए और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया।

नई दिल्लीNov 12, 2024 / 09:06 am

Shaitan Prajapat

Manipur Violence: मणिपुर में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड में कम से कम 11 संदिग्ध कुकी उग्रवादी मारे गए और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान शहीद हो गया। जिरीबाम जिले में बोरोबेकरा उपखंड के जाकुराधोर करोंग में हुई इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक अन्य जवान के घायल होने की भी सूचना है। मुठभेड़ के बाद से पांच नागरिक लापता बताए गए हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि लापता नागरिकों को उग्रवादी अपने साथ ले गए या वे खुद ही हमले के डर से कहीं छिपे हैं। लापता नागरिकों और छिपे उग्रवादियों को खोजने का काम चल रहा है। मारे गए उग्रवादियों के शवों को बोरोबेकरा थाने लाया गया है। इलाके में काफी तनाव है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।

खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला

जिरीबाम में मुठभेड़ दोपहर 2.30 बजे तब शुरू हई जब बोरोबेकरा सब-डिविजन के जाकुराधोर करोंग इलाके में उग्रवादियों ने खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला कर दिया और आसपास की दुकानों को आग लगाने लगे। उग्रवादियों ने सीआरपीएफ कैंप और पुलिस स्टेशन पर भी हमले किए। जवाब में सीआरपीएफ जवानों ने भी फायरिंग की। कुकी उग्रवादियों ने लगातार तीसरे दिन किसानों और नागरिकों पर हमले किए। इंफाल ईस्ट में खेत में काम कर रहे एक युवक को गोली मार कर घायल कर दिया। बिष्णुपुर जिले में उग्रवादियों ने कृषि कार्य रोकने के लिए किसानों पर बम और गोलियां बरसाईं।

ग्रामीणों ने जंगलों में छिपकर बचाई अपनी जान

ताजा हिंसा का दौर पिछले सप्ताह गुरुवार को शुरू हुआ जब मैतेई हथियार बंद उग्रवादियों ने आदिवासी बहुल जैरोन हमार गांव पर हमला कर दिया और घरों को आग लगा दी। इस दौरान ग्रामीणों ने आसपास के जंगलों में छिपकर अपनी जान बचाई। बाद में कुकी-जो संगठन ने दावा किया कि गांव में 31 साल की एक महिला को बलात्कार के बाद बर्बरतापूर्वक मार दिया गया। इसके बाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं।
यह भी पढ़ें

Indian Railways: रेलवे के सुपर ऐप से मिलेगा ट्रेन का कंफर्म टिकट, आरक्षण और टाइम टेबल के साथ मिलेगी ये खास सुविधाएं


शांति प्रयासों को झटका

-मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह मे माना कि हिंसा की ताजा घटनाओं से शांति के प्रयासों को झटका लगा है। हालांकि उनका कहना है कि सरकार राज्य में शांति लाने की कोशिश करती रहेगी।
-डीजीपी ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रयासों से पहली बार 15 अक्टूबर को मैतेई, कुकी और नगा समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच सीधी बातचीत शुरू हुई है। इसमें तीनों समुदायों के सांसद-विधायक भी शामिल हुए।
-तीनों समुदायों की ओर से एक संयुक्त अपील भी जारी की गई जिसमें जातीय तनाव को कम कर शांति बनाने के लिए पहल करने की बात कही गई। लेकिन, पिछले सप्ताह से हिंसा का नया दौर शुरू हो गया।

डेढ़ साल से चल रहा है हिंसा का दौर

मणिपुर में पिछले साल तीन मई से ही घाटी में रहने वाले मैतेई समुदाय और ऊपरी पहाड़ पर रहने वाले कुकी-जो आदिवासियों के बीच हिंसा जारी है। इस हिंसा में 200 से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। यह हिंसा तब शुरू हुई जब राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के प्रयास किए जाने लगे। इसके विरोध में ऑल ट्राइबर स्टूडेंट यूनियन (एटीएसयू) ने रैली निकाली। रैली में ही हिंसा भड़क गई। उसके बाद से ही इस उत्तर-पूर्वी राज्य में हिंसा का भयानक दौर चल रहा है। आम चुनाव के दौरान भी यह मुद्दा राष्ट्रीय राजनीति को गरमाता रहा है।

Hindi News / National News / Manipur Violence: मणिपुर में 11 कुकी उग्रवादी मारे गए, एक जवान शहीद, 5 नागरिक लापता

ट्रेंडिंग वीडियो