खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला
जिरीबाम में मुठभेड़ दोपहर 2.30 बजे तब शुरू हई जब बोरोबेकरा सब-डिविजन के जाकुराधोर करोंग इलाके में उग्रवादियों ने खेतों में काम कर रहे किसानों पर हमला कर दिया और आसपास की दुकानों को आग लगाने लगे। उग्रवादियों ने सीआरपीएफ कैंप और पुलिस स्टेशन पर भी हमले किए। जवाब में सीआरपीएफ जवानों ने भी फायरिंग की। कुकी उग्रवादियों ने लगातार तीसरे दिन किसानों और नागरिकों पर हमले किए। इंफाल ईस्ट में खेत में काम कर रहे एक युवक को गोली मार कर घायल कर दिया। बिष्णुपुर जिले में उग्रवादियों ने कृषि कार्य रोकने के लिए किसानों पर बम और गोलियां बरसाईं।ग्रामीणों ने जंगलों में छिपकर बचाई अपनी जान
ताजा हिंसा का दौर पिछले सप्ताह गुरुवार को शुरू हुआ जब मैतेई हथियार बंद उग्रवादियों ने आदिवासी बहुल जैरोन हमार गांव पर हमला कर दिया और घरों को आग लगा दी। इस दौरान ग्रामीणों ने आसपास के जंगलों में छिपकर अपनी जान बचाई। बाद में कुकी-जो संगठन ने दावा किया कि गांव में 31 साल की एक महिला को बलात्कार के बाद बर्बरतापूर्वक मार दिया गया। इसके बाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं।Indian Railways: रेलवे के सुपर ऐप से मिलेगा ट्रेन का कंफर्म टिकट, आरक्षण और टाइम टेबल के साथ मिलेगी ये खास सुविधाएं
शांति प्रयासों को झटका
-मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह मे माना कि हिंसा की ताजा घटनाओं से शांति के प्रयासों को झटका लगा है। हालांकि उनका कहना है कि सरकार राज्य में शांति लाने की कोशिश करती रहेगी।-डीजीपी ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रयासों से पहली बार 15 अक्टूबर को मैतेई, कुकी और नगा समुदायों के प्रतिनिधियों के बीच सीधी बातचीत शुरू हुई है। इसमें तीनों समुदायों के सांसद-विधायक भी शामिल हुए।
-तीनों समुदायों की ओर से एक संयुक्त अपील भी जारी की गई जिसमें जातीय तनाव को कम कर शांति बनाने के लिए पहल करने की बात कही गई। लेकिन, पिछले सप्ताह से हिंसा का नया दौर शुरू हो गया।