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Maharashtra and Jharkhand: ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और गारंटियों के बीच होगा महामुकाबला, जानिए पूरा समीकरण

Maharashtra and Jharkhand elections: महाराष्ट्र व आदिवासी बहूल झारखंड में चुनावी रंगत ने जोर पकड़ रही है। दोनों प्रमुख दल जिस तरह नरेटिव सेट कर रहे हैं। पढ़िए शादाब अहमद की खास रिपोर्ट…

नई दिल्लीNov 04, 2024 / 08:36 am

Shaitan Prajapat

Maharashtra and Jharkhand elections: राजनीतिक महत्व के हिसाब से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र व आदिवासी बहूल झारखंड में चुनावी रंगत ने जोर पकड़ रही है। दिवाली महोत्सव समाप्त होते ही नेताओं की बयानबाजी शुरू होने से आगामी दिनों की सियासत की दिशा दिखाई देने लगी है। मोटे तौर पर भाजपा अपने चिरपरिचित अंदाज में हिंदुत्व को अब अधिक आक्रमकता के साथ उठा रही है वहीं कांग्रेस के गारंटी कार्यक्रमों की विफलता मुद्दा बना रही है। दोनों प्रमुख दल जिस तरह नरेटिव सेट कर रहे हैं उससे लगता है कि दोनों चुनावी राज्यों, खासकर महाराष्ट्र में, ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और गारंटियों के बीच मुकाबला होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा बुलंद कर दिया है। उधर, कांग्रेस लोकलुभावनी योजनाओं की गारंटी और जातिगत जनगणना के वादे के दम पर मैदान में उतर रही है। झारखंड में दूसरे चरण की 48 सीटों और महाराष्ट्र में सभी सीटों पर सोमवार को नाम वापसी का आखिरी दिन है। चुनाव मैदान की तस्वीर साफ होने के बाद स्टार प्रचारकों के दौरे से जमीन पर चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा।

गठबंधनों में विरोधाभास

महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव इस बार अलग तरह का है, जहां छह प्रमुख दल मैदान में है। एक तरफ भाजपा, शिवसेना (शिंदे) व एनसीपी (अजीत) की महायुति है तो दूसरी तरफ कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी शरद की महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए)है। जहां एनसीपी (अजीत) की सियासत कांग्रेस से मेल खाती हुई है तो शिवसेना (उद्धव )की सियासत भाजपा से मिलती-जुलती है। ऐसे में कठोर हिंदुत्व के एजेंडे पर इन दोनों ही दलों की प्रतिक्रिया में विरोधाभास दूसरे सहयोगी दलों को परेशान कर सकता है।
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-खरगे के बयान से मिला भाजपा को मौका

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का चुनावी वादों (गारंटियों)से पीछे हटने को लेकर कर्नाटक सरकार को नसीहत देने का बयान आते ही भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने का मौका मिल गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस पर चौतरफा हमला कर दिया। वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए अपने शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से तथ्यात्मक जवाब दिलवाए।
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-हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने पर जोर

लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र व झारखंड में लगे झटके से उबरने की कोशिश में भाजपा अब पूरे दमखम के साथ हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने पर लगी हुई है। खासतौर पर झारखंड में यह कार्ड जमकर खेला जा रहा है। जहां पार्टी के सहप्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिंमंता बिस्व सरमा हुसैनाबाद, बाबर का नाम लेकर जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। भाजपा के प्रचार और घोषणा पत्र में बांग्लादेशियों के बहाने अल्पसंख्यकोंं पर प्रहार के जरिये भी हिंदू वोटों को लामबंद किया जा रहा है। सरमा के बयानों की शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की है।

महाराष्ट्र

महायुति का फोकस इन मुद्दों पर

-हिंदू एकजुटता, बंटेंगे तो कटेंगे
-अपने कार्यकाल की उपलब्धियां, स्थायी सरकार
-युवाओं व महिलाओं के लिए चलाई गई योजनाएं
-ओबीसी में शामिल की गई जातियां
-एमवीए में एकजुटता व भरोसा नहीं

महाविकास अघाडी (एमवीए) के मुद्दे

-कर्नाटक, तेलंगाना की तरह कल्याण की गारंटी योजनाएं
-शिंदे सरकार पर 15 हजार करोड़ के भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप
-मराठी अस्मिता का मुद्दा, संसाधन गुजरात ले जाने का आरोप
-जातिगत जनगणना, संविधान खतरे में
-मराठा आरक्षण के मुद्दे को हवा

झारखंड:

यूसीसी लागू होगा, आदिवासी रहेंगे दायरे से बाहर

भाजपा घोषणा पत्र: महिलाओं को हर माह 2100 रुपए

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को झारखंड में ‘संकल्प पत्र’ के नाम से भाजपा का घोषणा पत्र जारी किया। घोषणा पत्र में भाजपा ने प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने का वादा करते हुए यह भी कहा है कि आदिवासियों को इससे बाहर रखा जाएगा। इसके अलावा गोगो दीदी योजना के तहत हर महीने की 11 तारीख को राज्य की सभी महिलाओं के बैंक खाते में 2100 रुपए पहुंचाने, 500 रुपए में एलपीजी गैस सिलेंडर और साल में दो मुफ्त सिलेंडर का वादा किया है। आदिवासी संस्कृति को पुनर्स्थापित और प्रोत्साहित करने के लिए सिद्धो-कान्हो शोध केंद्र स्थापित किए जाएंगे। साथ ही भाजपा सरकार बनते ही घुसपैठियों को रोकने और कब्जाई गई जमीनों को वापस लौटाने के लिए सख्त कानून लागू होगा। युवाओं के लिए रोजगार, किसानों के लिए कृषक सुनीति योजना समेत सभी वर्गों के लिए कोई न कोई वादा किया है। घोषणा पत्र में भूमि-रोटी-बेटी की रक्षा का संकल्प लिया गया है।

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