तमिलनाडु के कई उत्तरी जिलों में पीएमके मजबूत स्थिति में है। 2014 के आम चुनाव में पीएमके ने एनडीए के साथ आठ निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा और धर्मपुरी से एक सीट जीती। 2019 में पीएमके अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा थी जिसमें भाजपा भी शामिल थी। 2019 के लोकसभा चुनावों में पीएमके ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा और एक भी सीट नहीं जीत पाई।
इन जिलों में प्रभावी
पीएमके उत्तरी तमिलनाडु की एक प्रमुख जाति, वन्नियार समुदाय पर मजबूत पकड़ रखती है। वन्नियार राज्य में सबसे पिछड़े वर्गों (एमबीसी) में आने वाली 35 से अधिक जातियों में से एक है। पीएमके वेलूर, रानीपेट, कडलूर, कांचीपुरम, चेंगलपेट, तिरुवल्लूर और विल्लुपुरम जैसे जिलों में प्रभावी है, जिन्हें वन्नियारों का गढ़ माना जाता है।
चुनौतियां भी
राजनीति के पंडितों का यह कहना है कि जिन क्षेत्रों में भाजपा मजबूत है, वहां पीएमके कमजोर है। जहां पीएमके अच्छी स्थिति में है, वहां भाजपा का कोई खास प्रभाव नहीं है। पीएमके की दूसरी चुनौती अपनी पार्टी में सभी को साथ लेकर चलने की भी होगी क्योंकि पार्टी का एक धड़ा भाजपा के साथ जाने के खिलाफ था। पीएमके नेता अंबुमणि रामदास पार्टी के लिए बड़ा चेहरा हैं। वे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं।
पार्टी की स्थिति
वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में 4 सीटें जीतीं, 6 प्रतिशत वोट मिले। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में 5 सीटें जीतीं, 8 प्रतिशत वोट मिले। पीएमके ने 2021 के विधानसभा चुनावों में 5 सीटों पर जीत हासिल की थी।