लिस्ट में फ्रांस का नाम नंबर वन पर है। फ्रांस पहला ऐसा देश है जिसने आज से करीब 17 साल पहले 2004 में स्कूलों में धर्म को परिभाषित करने वाले कपड़ों को पहनने पर प्रतिबंध लगाया। सरकार ने 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब या पूरा चेहरा ढकने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया। राष्ट्रपित रहे निकोलस सर्कोजी ने बयान दिया कि हिजाब पहनने वालों या पूरा चेहरा ढकने वालों का फ्रांस में स्वागत नहीं।
रूस के स्त्रावरोपूल क्षेत्र ने 2012 में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया था।मामला 2013 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने फैसले को सही ठहराया।इसी तरह स्विट्जरलैंड में भी पूरा चेहरा ढकने के नियम पर रोक की तैयारी चल रही है।
मुस्लिम बाहुल्य देश चाड में भी सुरक्षा कारणों से हिजाब या चेहरा ढकने वाले कपड़ों पर बैन है। यहां की सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर हिजाब या चेहरा ढकने की व्यवस्था पर 2015 में ही रोक लगा दी थी। बता दें कि आतंकी संगठन बोको हरम द्वारा किए गए बम हमले में 34 लोगों की मौत के बाद सरकार ने ये कदम उठाया था।
बुलगेरिया की संसद ने सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को ढकने को गैर कानूनी करार दे रखा है।वर्ष 2016 में यहां की सरकार ने ये निर्णय लिया था और आदेश दिया था कि जो लोग इस नियम की अवहेलना करेंगे उनपर करीब 66 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों को इसपर निगरानी का आदेश दिया है।
डेनमार्क में वर्ष 2017 में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर रोक लगा दी थी। इस देश में सार्वजनिक स्थानों में चेहरा ढकने पर करीब 12 हजार रुपये का जुर्माना है। दोबारा पकड़े जाने पर ये राशि बढ़कर करीब 85 हजार रुपये हो जाती है।
नीदरलैंड ने भी इसी समय कुछ सार्वजनिक स्थानों जिसमें स्कूल, अस्पताल, सार्वजनिक परिवहन और सरकारी भवनों में हिजाब या चेहरा ढकने पर रोक लगी है,इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति हिजाब या चेहरा ढके हुए पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना देना पड़ सकता है।
कनाडा में भी सार्वजनिक रूप से चेहरा ढकने या हिजाब पहनने पर रोक लगा हुआ है। यहां पर सन 2012 में हिजाब पर बैन लगाया गया था।
जर्मनी में भी हिजाब पहनने पर रोक लगा हुआ है, यहां पर इसको लेकर संसद में एक कानून पास हुआ था, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है।
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चीन की शी जिनपिंग सरकार ने भी स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। चीन ने उत्सुल मुसलमानों के पारंपरिक पहनावे पर भी रोक लगाई हुई है। चीन में धार्मिकता को परिभाषित करने वाले पहनावे के साथ स्कूली और सरकारी कार्यालयों में एंट्री नहीं है। इसके अतिरिक्त चीन ने दाढ़ी बढ़ाने पर भी प्रतिबंधित लगया हुआ है।
आपको बता दें कि सीरिया और इजिप्ट जैसे मुस्लिम बाहुल्य देशों में भी स्कूल, कॉलेज में पूरी तरह से चेहरा ढकने पर प्रतिबंध है। यहां की सरकारों ने विश्वविद्यालयों में क्रमश: 2010 और 2015 से पूरा चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगा रखा है। आपको बता दें कि सीरिया में मुस्लिम आबादी की तादाद करीब 70 फीसदी है, वहीं इजिप्ट में मुस्लिम आबादी करीब 90 फीसदी है।