मार्च में, ईडी ने रिकॉर्ड में कहा था कि 1 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर, 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज विशेष खुफिया सूचनाओं के आधार पर दिल्ली, मुंबई, पटना और रांची में 24 स्थानों पर मारे गए छापे के दौरान बरामद किए गए।
ईडी ने कहा था कि, उन्होंने लगभग 600 करोड़ रुपए का पता लगाया, जो 350 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों और 250 करोड़ रुपए के लेनदेन के रूप में अपराध (पीओसी) की आय थी, जो विभिन्न ‘बेनामीदारों’ के माध्यम से किए गए थे।
ईडी ने कहा कि, अब तक की गई पीएमएलए जांच से पता चला है कि, लालू प्रसाद के परिवार ने रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर कई जमीनों का अवैध रूप से अधिग्रहण किया था। इन भूखंडों का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपए से अधिक है। अधिकारी ने कहा कि इन जमीनों के लिए कई ‘बेनामीदारों’, शेल संस्थाओं और लाभकारी मालिकों की पहचान की गई है।
ईडी ने दावा किया, दिल्ली में डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक संपत्ति (4 मंजिला बंगला, ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत है, इस कंपनी का स्वामित्व और नियंत्रण तेजस्वी प्रसाद यादव और परिवार के पास है) को केवल 4 लाख रुपए के मूल्य पर अधिग्रहित दिखाया गया था, जिसका वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 150 करोड़ रुपए है।
अधिकारी ने कहा कि, इस संपत्ति को खरीदने में बड़ी मात्रा में नकदी/अपराध की आय का उपयोग किया गया और मुंबई स्थित रत्न और आभूषण क्षेत्र में काम करने वाली कुछ संस्थाओं का उपयोग इस संबंध में अपराध की अवैध आय को चैनल करने के लिए किया गया था।
हालांकि, संपत्ति को कागज पर ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है। इसका विशेष रूप से तेजस्वी प्रसाद द्वारा आवासीय परिसर के रूप में उपयोग किया जा रहा है। सर्च के दौरान, तेजस्वी प्रसाद इसी स्थान पर मिले थे। ईडी ने आरोप लगाया कि, वह इस घर को अपनी आवासीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करते थे।
ईडी ने कहा कि, उनकी जांच में पाया गया है कि, लालू यादव के परिवार द्वारा गरीब ग्रुप-डी आवेदकों से महज 7.5 लाख रुपए में अधिग्रहीत भूमि के चार पार्सल, जिन्हें राबड़ी देवी ने राजद के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना को 3.5 करोड़ रुपए के भारी लाभ के साथ एक सांठगांठ के सौदे में बेच दिया था।
ईडी ने कहा कि उनकी जांच में यह भी सामने आया है कि, इस तरह मिली रकम का एक बड़ा हिस्सा तेजस्वी प्रसाद के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया।