25 रोहिंग्या गिरफ्तार
शोभायात्रा के दौरान जहां हिंसा हुई वहां बड़ी संख्या में रोहिंग्या रहते हैं, जो म्यांमार के रखाइन प्रांत से आये हैं। 2017 में भड़की हिंसा के बाद वह कई रास्तों से होते हुए भारत में घुसे और नूंह आए थे। यहां आने वाले अधिकांश रोहिंग्या के पास शरणार्थी होने का यूएन कार्ड है। पुलिस को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि शरणार्थी बनकर रह रहे कई रोहिंग्या मुसलमानों ने भी नूंह में साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने में बड़ी निभाई। इसके बाद पुलिस ने बड़ी गिरफ्तारी अभियान चलाई और 25 रोहिंग्या मुस्लिमों को गिरफ्तार किया।
सोशल मीडिया पर डाले गए 2300 वीडियो पर नजर
नूंह में हुई हिंसा की जब पुलिस अधिकारियों ने जांच करनी शुरू की तो पता चला की इन इलाकों से लगभग 2300 वीडियो ऐसे डाले गए जो उन्माद फ़ैलाने के मकसद से पोस्ट किये गए थे। जिसमें खुलेआम शोभायात्रा के दौरान मजा चखाने की बात की जा रही थी। अधिकारियों का कहना है कि पोस्ट डालने वाले सभी लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, साइबर टीम सभी वीडियो की जांच कर रही है। अब तक इस मामले में 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया संबंधित 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
सीएम खट्टर के आदेश पर हो रही कार्रवाई
इस घटना को लेकर पुलिस और प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे थे, क्योंकि यात्रा पहले से ही तय थी और कई इनपुट ऐसे भी मिले थे कि यहां बवाल हो सकता है। फिर भी उस इनपुट को सीरियसली नहीं लिया गया। बड़ी संख्या में लोग खट्टर प्रशासन की काबिलियत पर सवाल उठा रहे थे, तथा पत्थरबाजों पर उचित कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
जिसके बाद से बुलडोजर एक्शन जारी है। सोशल मिडिया पर उन्मादी पोस्ट करने वालों को चिन्हित करके जेल में डाला जा रहा है। अब इस एक्शन पर नूंह के SDM अश्विनी कुमार ने बताया कि सीएम के आदेश पर ही ये सारी कार्रवाई हुई है। सारा अवैध निर्माण है। दंगों में भी ये लोग शामिल थे, इसलिए सीएम के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है।
मौके पर मौजूद अधिकारियों के मुताबिक, अवैध कब्जे की जमीन खाली करवाई जा रही है। बता दें की इससे पहले गुरुवार को 4 घंटे लगातार उन इलाकों में बुलडोजर चला था जहां अवैध रूप से रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे थे। इन्होनें भी जुलुस में शामिल लोगो पर पत्थर बरसाए थे। शुक्रवार को 250 से ज्यादा अवैध झुग्गियों को जमींदोज किया गया था। फिर शनिवार को भी मेडिकल कॉलेज के पास 45 दुकानों को हटाया गया था।