पिछले साल भी दी थी धमकी
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने नवंबर 2023 में भी ऐसी ही धमकी दी थी। पन्नू ने एक वीडियो में दावा किया था कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदल दिया जाएगा और 19 नवंबर को यह बंद रहेगा। तब भी उसने वीडियो में लोगों से एयर इंडिया के विमानों में यात्रा नहीं करने की सलाह दी थी। पन्नू पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कई अपराधिक मामले दर्ज कर रखे हैं।
निज्जर हत्याकांड में इंडिया के खिलाफ उगला था जहर
खालीस्तानी आतंकी पन्नू ने निज्जर हत्याकांड (Nijjar massacre) में भी भारत के खिलाफ जहर उगला था। पन्नू का एक वीडियो सामने आया था। इसमें उनसे कबूल किया कनाडा (Canada) की जस्टिन ट्रूडो सरकार (justin trudeau) के साथ वह बीते दो-तीन साल से संपर्क में है। उसने कहा था कि कनाडा की सरकार को वह भारत के खिलाफ खुफिया जानकारी उपलब्ध कराता रहा है।
पन्नू को भारत ने घोषित कर रखा है आतंकवादी
गृह मंत्रालय ने जुलाई 2020 से गुरपतवंत सिंह पन्नू को देशद्रोह और अलगाववाद के आरोपों में आतंकवादी घोषित कर दिया है। यह SFJ का नेतृत्व करता है जो कि एक अलग से सिख प्रदेश की वकालात करने वाला समूह है। वहीं एसएफजे को भी भारत ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए गैरकानूनी संगठन के रूप में प्रतिबंधत कर दिया था।
CM भगवंत मान को जान से मारने की दे चुका है धमकी
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) और राज्य पुलिस महानिदेशक गौरव यादव को इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने जान से मारने की धमकी दी थी। उन्होंने गैंगस्टरों से एकजुट होने और 26 जनवरी को पंजाब के सीएम भगवंत मान पर हमला करने को कहा था।
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का परिवार पहले पंजाब के नाथू चक गांव में रहता था, लेकिन बाद में अमृतसर के पास खानकोट में बस गया। पन्नू के पिता महिंदर सिंह पंजाब मार्केटिंग बोर्ड के सचिव थे। 1990 के दशक में गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। वे अपने कॉलेज के दिनों से ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे। पन्नू साल 1991-92 में अमेरिका चला गया जहां पर कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया। यहां से फाइनेंस में MBA और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से लॉ किया। पन्नू ने 2014 तक न्यूयॉर्क में वॉल स्ट्रीट में सिस्टम विश्लेषक के रूप में काम किया। हालांकि इस दौरान वह राजनीतिक रूप से भी सक्रिय रहा।
सिख फॉर जस्टिस की स्थापना
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने साल 2007 में सिख फॉर जस्टिस (SFS) की स्थापना की थी। अमेरिका के वांशिंगटन में इस संगठन का पंजीकृत कार्यालय है, वहीं से पन्नू न्यूयॉर्क के ऑफिस में काम करते है। सिख फॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) ने भारतीय पंजाब को आजाद कराने और खालिस्तान नारे के तहत पंजाबियों के आत्मनिर्णय का अधिकार दिलाने के लिए रेफरेंडम 2020 अभियान शुरू किया था। बता दें कि यह संगठन खुद को मानवाधिकार संगठन बताता है लेकिन भारत ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है।