राज्य सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना पर बात करते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आंकड़ों की मानें तो मछली पकड़ने पर प्रतिबंध 3800 से अधिक ट्रॉलर नौकाओं, 500 से अधिक गिलनेट नौकाओं और राज्य के जल क्षेत्रों में मछली पकड़ने में इस्तेमाल होने वाली नौकाओं पर लागू होगा।
राज्य के मत्स्य पालन मंत्री ने 18 मई को अधिकारियों और ट्रेड यूनियन के साथ प्रतिनिधियों की एक बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाने और अन्य संबंधित मामलों पर अंतिम फैसला किया गया था। बाद में कैबिनेट की बैठक में इसे लागू करने पर मंजूरी मिल गई।
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भारत के इस शहर में रहना हुआ सबसे महंगा, यहां देखें विश्व के सबसे महंगे शहरों की लिस्ट उधर, इस मंजूरी के बाद मछुआरा संघ के सूत्रों ने बताया कि मछुआरों की बस्ती में मुफ्त राशन (Free Ration) वितरण का भी फैसला किया गया जो प्रतिबंध से प्रभावित होते हैं। इस बीच केरल स्वतंत्र मत्स्याथोजिलाली ऐक्यावेदी के राज्य अध्यक्ष चार्ल्स जॉर्ज ने कहा कि ट्रॉलर नौकाओं, अन्य नौकाओं तथा पोतों पर रोक के साथ साथ पड़ोसी राज्यों से आने वाली फाइबर नौकाओं पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि राज्य में मछली पकड़ने पर रोक की अवधि में पड़ोसी राज्यों की नौकाएं खास तौर पर केरल के जल क्षेत्र में अतिक्रमण करती हैं।