भारतीय सेना से मिल रही जानकारी के मुताबिक यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब कठुआ के कंड़ी क्षेत्र के लोहाई मल्हार में जैंडा नाला के पास आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। भारतीय सेना के वाहन को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी की। इसकी चपेट में आने के कारण कई जवान घायल हो गए।
सेना के वाहन पर आतंकी हमले की जानकारी मिलते ही मुठभेड़ के लिए भारतीय सेना की बैकअप टीम भी रवाना हो गई। पूरे इलाकों को घेर लिया गया। इस आतंकी मुठभेड़ में चार जवान शहीद हो गए। भारतीय सैन्य बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। इतना ही नहीं आसपास के संपर्क मार्ग को भी अलर्ट पर रखा गया है।
कुलगाम की दोहरी मुठभेड़ में मारे गए थे 6 आतंकी और 2 जवान हुए थे शहीद
इससे पहले कुलगाम में 48 घंटों तक चली दोहरी मुठभेड़ में रविवार को 6 आतंकियों को मार गिराया गया था। इस कार्रवाई में भारतीय सेना के दो जवान भी शहीद हो गए थे। इस कार्रवाई में भारतीय सेना का एक पैरा कमांडों भी शामिल था। यहां आंतकियों ने आलमारी के अंदर से अपना हाइडआउट बना रखा था। वह अलमारी के पीछे बने दरवाजे के भीतर रहा करते थे।
5 मई को भी हुआ था भारतीय वायु सेना के वाहन पर हमला
इससे पहले 5 मई को पूंछ में भारतीय वायु सेना के काफिल पर आतंकियों ने हमला किया था। इसमें वायु सेना का एक जवान शहीद हो गया था और चार सैनिक घायल हो गए थे। इसे अब सैन्य विशेषज्ञ जम्मू में एक पैटर्न के रूप में देख रहे हैं। आतंकी वाहनों को अब इसलिए निशाना बना रहे हैं जिससे वह कम ताकत में ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकें। इसी तरह से एक आतंकी हमला राजौरी में तीर्थयात्री वाहन पर भी हुआ था।