बाबू राम का जन्म 15 मई 1972 को जम्मू के पुंछ जिले में हुआ था। उनके अंदर बचपन से ही देश सेवा की भावना थी और वो देश की सेवा करना चाहते थे। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 1999 में जम्मू-कश्मीर में कांस्टेबल के तौर पर तैनात हुए। इसके बाद वर्ष 2002 में वो स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का हिस्सा बने।
आतंकियों के खात्मे में हमेशा रहे आगे
SOJ रहते हुए उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन का हिस्सा बने और हमेशा आतंकियों के खात्मे के लिए आगे रहे। ये उनकी वीरता और बहादुरी ही थी जिस कारण उन्हें कई अवसरों पर न केवल सराहा गया बल्कि प्रमोशन भी दिया गया।
इलाके में भीड़ होने के कारण ASI बाबू राम की टीम आतंकियों पर निशाना बना कर हमला नहीं कर सकी। आतंकियों ने मौका देख एक घर में घुस गए। इसके बाद बाबू राम ने अपनी टीम के साथ उस घर को घेर लिया और मुठभेड़ शुरू हो गई।
इन आतंकियों में लश्कर कमांडर शाकीब बशीर भी था जिसे ASI बाबू राम ने मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान बाबाऊ राम भी गोली लगने से घायल हो गए और अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। इस मुठभेड़ में तीनों आतंकियों को मार गिराया गया था।
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