कोविड के कारण राज्य के स्कूल दो सालो तक बंद रहे जिससे पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा तीन तक के 15 लाख बच्चों के लिए सरकार अतिरिक्त कक्षा संचालन करेगी। बच्चों को स्कूल के अलावा दो घंटे अलग से आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाया जायेगा। यहां आंगनबाड़ी सेविकाएं बच्चों को पढ़ायेंगी। यह निर्णय मंगलवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की हुई बैठक में लिया गया। जिसमें स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग के भी पदाधिकारी शामिल हुए।
बच्चों की छूटी हुई पढ़ाई की भरपाई के लिए शाम तीन से पांच बजे तक बच्चों की पढ़ाई स्कूलों में ही कराई जाएगी। इस कार्य में आंगनबाड़ी सेविका के अलावा सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों को लगाया जाएगा। इसके बदले उन्हें एक से दो हजार रुपये तक मासिक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। अभी फिलहाल इसपर निर्णय नहीं लिया गया है। यह भी तय हुआ कि शिक्षण कार्य में वैसी आंगनबाड़ी सेविका को ही लगाया जाएगा जो इसके लिए इच्छुक हैं। यह बाध्यकारी नहीं होगा। साथ ही वे कम से कम दसवीं परीक्षा उत्तीर्ण हों।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने छह माह का यह कार्यक्रम चलाने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन बैठक में पहले तीन माह के लिए ही यह कार्यक्रम चलाने पर सहमति बनी। कहा गया कि यदि यह कार्यक्रम सफल रहा तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।
राज्य में 35 हजार स्कूलों को एक-एक आंगनबाड़ी से जोड़ा जायेगा। राज्य में लगभग 38 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं। कक्षा संचालन के लिए जगह निर्धारण पर भी अंतिम निर्णय स्थानीय स्तर पर लिया जा सकता है। जिस आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के बैठने की पर्याप्त सुविधा नहीं होगी, वहां स्कूल में भी कक्षा संचालन हो सकता है।