….तो कांग्रेस के लिए बढ़ सकती हैं समस्याएं
साहिल फारूक ने कहा, ‘गांदरबल के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उम्मीदवारों को हवाई मार्ग से भेजा जाता है, लेकिन इस निर्वाचन क्षेत्र के युवाओं ने अब अपना राजनीतिक भाग्य किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं सौंपने का फैसला किया है।’ उमर अब्दुल्ला के खिलाफ खड़े होने का निर्णय नेकां और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन के खिलाफ है। साहिल फारूक की अवज्ञा दोनों पार्टियों के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन के मूड को प्रभावित कर सकती है। अगर साहिल अकेले ऐसे बागी होते हैं तो कांग्रेस उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर गठबंधन की रक्षा कर सकती है। अगर आने वाले दिनों में एनसी या कांग्रेस कैडर से ऐसे और मामले आते हैं, तो दोनों दलों के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस 52 और कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ेगी
जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस 52 और कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों पार्टियों ने दो सीटें – जम्मू संभाग और घाटी में एक-एक सीट- पैंथर्स पार्टी और माकपा के लिए छोड़ी हैं। दोनों गठबंधन सहयोगी दल जम्मू संभाग में नगरोटा, डोडा, भद्रवाह और बनिहाल, तथा घाटी में सोपोर की पांच सीटों पर किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके हैं। एनसी और कांग्रेस दोनों ‘दोस्ताना मुकाबले’ में इन सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे।