एनसी को मामूली बढ़त
मुददों की बात करें तो एनसी हो या पीडीपी, कोई भी पार्टी यह खुलकर नहीं कह रही है कि वह धारा 370 को वापस लाएगी। त्रगाम के मंजूर अहमद कहते हैं कि क्षेत्रीय पार्टियां जानती हैं कि वह ऐसा नहीं कर सकती हैं और न उनके पास ताकत ही है कि वह ऐसा कर सकें। ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर कश्मीर का सियासी रुझान ही इस बार प्रदेश की सरकार तय करेगा। बारामूला से रफीयाबाद में प्रवेश करते ही सड़क के दोनों तरफ सेब के बागान मन मोह लेते हैं। यहां के लोग भी सेब की तरह ही मीठे हैं। सुहेल कहते हैं कि यहां पीपुल्स कांफ्रेंस और एनसी की लड़ाई है। इसमें एनसी को मामूली बढ़त हासिल हो रही है।
लंगगेट में सज्जात मजबूत
दस किलोमीटर पर पर ही तिहाड़ जेल से जमानत पर छूटे शेख रशीद इंजीनियर का इलाका लंगगेट शुरू हो जाता है। यहां उनके भाई खुर्शीद चुनाव लड़ रहे हैं। यहां के बुजुर्ग गुलाम नबी कहते हैं कि सब कुछ ठीक है लेकिन यहां इंजीनियर की लड़ाई एनसी से है। जो लहर तब थी वो अब नहीं है। लंगगेट से ही सटा हुआ इलाका पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जात गनी लोन का है। यहां वह बढ़त बनाए हुए दिखते हैं। वह भी एनसी से ही लड़ते हुए नजर आ रहे हैं
कुपवाड़ा पर त्रिकोणीय मुकाबला
कभी आतंकियों के लिए कुख्यात रही कुपवाड़ा सीट पर पीडीपी को थोड़ी बढ़त दिखाई देती है लेकिन एनसी और पीपुल्स कांफ्रेंस इसे त्रिकोणीय लड़ाई में बदल रही हैं। यहीं से 10 किलोमीटर पर त्रगाम विधानसभा है। इसकी तासीर इस बार बदली हुए नजर आ रही है। इस बार यहां पीपुल्स कांफ्रेंस सीधे नेशनल कांफ्रेंस से लड़ रही है। यहां के निवासी जी हसन कहते हैं कि आप आए हैं तो यहां अमन चैन है।
बांदीपोरा में कांग्रेस आगे
कश्मीर का बाउल ऑफ ड्राईफ्रूट कहे जाने वाला लोलाब में चुनावी लब्बोलुआब यह है कि यहां एनसी, पीडीपी और थोड़ी बहुत पीपुल्स कांफ्रेंस की लड़ाई है लेकिन इसमें एनसी ही आगे जाते हुए दिखाई दे रही है। सोनावारी और गुरेज में पीडीपी से एनसी लड़ रही है तो बांदीपोरा में एक बार फिर से कांग्रेस अपनी ताकत दिखाने को तैयार है।