यह बात इसरो के पूर्व चेयरमैन और आईआईटी इंदौर के चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कही है। आईआईटी इंदौर के कनवोकेशन सेरेमनी के मौके पर पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसरो कई मिशन पर एक साथ काम कर रहा है। चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग के बाद चंद्रयान मिशन तेजी से प्रगति कर रहा है। इसरो ने चंद्रयान-4 पर भी काम शुरू कर दिया है।
चांद पर लैंड, सैंपल वापस धरती पर आएगा चंद्रयान
इस मिशन के तहत चंद्रयान चांद पर लैंड कर वहां से सैंपल लेगा और वापस धरती पर आएगा। इसके बाद इन सैंपल पर रिसर्च की जाएगी। डॉ. सिवन ने बताया कि भारत इंसान को चांद पर भेजने के मिशन पर भी काम कर रहा है। साल 2040 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन की पहल की है और वे इसकी निगरानी भी कर रहे हैं। मिशन के लिए टेक्नोलॉजी को तेजी से विकसित किया जा रहा है। गगनयान प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए भी हमारे वैज्ञानिक जुटे हैं।
शुरू किए कई कोर्स
आईआईटी इंदौर के बारे में उन्होंने कहा कि यहां आने के बाद मुझे स्पेस प्रोग्राम शुरू करने की जरूरत लगी, जिसके बाद स्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक और एमएससी कोर्स शुरू किए गए। आइआइटी इंदौर आदित्य एल-1, चंद्रयान, मेगा साइंस जैसे कई प्रोजेक्ट्स में इसरो के साथ शामिल रहा है। इसके साथ ही यहां के स्टूडेंट्स भी टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करते रहते हैं। कुछ स्टूडेंंट्स सैटेलाइट डाटा पर रिसर्च को आगे बढ़ा रहे हैं।