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IRDAI ने बदले Health Policy के नियम, पुरानी पॉलिसी पर भी मिलेगा लाभ, चेक कीजिए और क्या मिलेगा फायदा?

IRDAI changed rules of Health Policy: इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI) ने पॉलिसीहोल्डर्स के हित में कई फैसले लिए हैं। इनमें लाइफ, हेल्थ और जनरल सभी तरह के इंश्योरेंस शामिल हैं।

नई दिल्लीSep 13, 2024 / 03:24 pm

Shaitan Prajapat

IRDAI changed rules of Health Policy: इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईआरडीएआई) ने हाल ही में पॉलिसीधारकों की भलाई के लिए कई बड़े निर्णय लिए है। इन फैसलों में लाइफ, हेल्थ और जनरल सभी तरह के बीमाओं को शामिल किया है। नई हेल्थ पॉलिसी से जुड़े नए नियम एक अप्रैल से लागू गए है। पहले नए नियमों को लागू करने के लिए इंश्योरेंस कंपनियों को 30 सितंबर तक का समय मिला हुआ था। कैशलेस अथॉराइजेशन को रिक्वेस्ट मिलने के एक घंटे के अंदर इंश्योरेंस कंपनी को एप्रूव करना ही होगा। नए नियमों के तहत अस्पताल से छुट्टी मिलने के तीन घंटे के अंदर फाइनल अथॉराइजेशन को एप्रूव करना होगा। आइये जानते है आईआरडीएआई द्वारा बदलाव किए गए नियमों से पुरानी पॉलिसी पर कितना लाभ मिलेगा।

पहले से महंगी हो गई है हेल्थ पॉलिसी

इंश्योरेंस कंपनियों के मुताबिक, नए नियमों के लागू होने से प्रीमियम में 10 से 15 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। अधिकांश कंपनियों ने हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम इस साल बढ़ा दिए हैं। नए नियमों के बारे में बात करते हुए स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ आनंद रॉय ने बताया कि IRDAI ग्राहकों के हित में मास्टर सर्कुलर लेकर आए है। इसमें पॉलिसी के कवरेज और वेटिंग पीरियड के बारे में स्थिति स्पष्ट किया गया है। आईआरडीएआई हेल्थ इंश्योरेंस के मामले में चीजों को आसान बनाया जा रहा है। इसके लिए पॉलिसीहोल्डर्स थोड़ी ज्यादा कीमत चुकानी है।

मोरेटोरियम पीरियड अब 5 साल का होगा

पहले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर क्लेम के लिए मोरेटोरियम पीरियड को 8 साल का समय लगता था। आईआरडीएआई ने अब इसे घटाकर सिर्फ पांच साल कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का कवरेज पांच साल तक रहने के बाद इंश्योरेंस कंपनी नॉन-डिसक्लोजर, मिसरिप्रंजेटेशन के आधार पर किसी पॉलिसी और क्लेम पर कोई सवाल नहीं कर सकती। हालांकि फ्रॉड के मामलों में उसे क्लेम के बारे में सवाल पूछ सकती है।
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क्लेम नहीं लेेने पर मिलेगा प्रीमियम पर डिस्काउंट का विकल्प

अक्सर देखा जाता है कि कई बार पॉलिसीहोल्डर किसी साल में कोई क्लेम नहीं लेता है तो इंश्योरेंस कंपनियां बिना अतिरिक्त प्रीमियम सम इंश्योर्ड बढ़ाती हैं। नए नियमों के अनुसार, कंपनियों को पॉलिसीहोल्डर को विकल्प देना होगा। इसका मतलब है कि पॉलिसीहोल्डर अपना सम इंश्योर्ड बढ़वा सकते हैं। या पॉलिसी रिन्यूएल के वक्त प्रीमियम में डिस्काउंट पाप्त कर सकते हैं। इससे उन पॉलिसीहोल्डर्स को फायदा होगा, जिन्हें पिछले सालों में प्रीमियम बढ़ने से से उसे चुकाने में परेशानी हुई।

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