आगामी 28 अप्रैल से पाम ऑयल के निर्यात पर पूर्ण पाबंदी लगाने का ऐलान रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने शुक्रवार को 28 अप्रैल से पाम ऑयल के निर्यात पर पूर्ण पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने अपने देश में इसकी बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए खाद्य तेल और इसका कच्चा माल बाहर भेजने से रोकने का फैसला किया है। एक वीडियो संदेश में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कहा है यह फैसला घर में खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा है, ‘मैं इस नीति के तामील की निगरानी और मूल्यांकन करूंगा, जिससे घरेलू बाजार में खाना पकाने के तेल की प्रचुर उपलब्धता रहे और यह सस्ती हो जाए।’ इंडोनेशिया के इस ऐलान के साथ ही अमेरिका में सोया तेल के वायदा कारोबार में 3% की उछाल दर्ज की गई।
अब तो ऑंखें खोलो सरकार नेशनल ऑयल ट्रेड एसोसिएशन के सचिव मनोज मोरारका ने बताया कि ने बताया कि भारत की अधिकांश पैकेज्ड फूड बनाने वाली कंपनियां इसी तेल का इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि यह अनहेल्दी होने के बावजूद सस्ता बिकता है। अब जब कंपनियां इस तेल पर निर्भर हो गई हैं तो इंडोनेशिया सरकार ने इसके निर्यात पर बैन लगा दिया है। मोरारका ने कहा कि, ‘बल्कि, यह कदम पूरी तरह से अप्रत्याशित है और इसके बाद सरकार की आंखें खुलनी चाहिए।
बता दें, पाम ऑयल के इंडोनेशिया और मलेशिया सबसे बड़े उत्पादक हैं और इनका उत्पादन कम होने से पहले से ही इसकी कीमतें ऐतिहासिक तरीके से बढ़ चुकी हैं। ऊपर से यूक्रेन संकट की वजह से सूरजमुखी के तेल की सप्लाई घटी है, जिससे खाद्य तेल का बाजार पहले से ही गरम है। क्योंकि, सूरजमुखी का तेल उसी क्षेत्र में दुनिया भर में पहुंचता है। यूक्रेन पर रूस के हमले से सूरजमुखी के तेल का निर्यात बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है, क्योंकि इसका 76% निर्यात काला सागर के जरिए ही होता है, जो फरवरी से भयंकर युद्ध की चपेट में है।
सही साबित हुई आशंका, भारी पड़ी इंडोनेशिया पर निर्भरता सेंट्रल ऑयल आर्गेनाइजेशन फार ऑयल एंड ट्रेड के प्रेसीडेंट बाबू लाल डाटा ने पत्रिका को बताया कि जिस बात की आशंका थी, वही हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी एसोसिएशन सरकार को इंडोनेशिया पर खाद्य तेल के लिए निर्भरता के लिए हमेशा चेताता रहा है। अब इंडोनेशिया के इस फैसले का भारत समेत वैश्विक बाजार पर असर पड़ना तय है। क्योंकि, सस्ते दामों के कारण पाम विश्व में सबसे ज्यादा उपभोग किया जाने वाले खाद्य तेल है।
हालात नहीं बदले तो आसमान छुएंगे दाम मनोज मोरारका ने बताया कि ‘अब खाद्य तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। अगर यही हालात रहे तो। यूक्रेन युद्ध की वजह से सूरजमुखी तेल की सप्लाई घटने के बाद खरीदार पाम ऑयल के ही भरोसे चल रहे थे। उन्होंने कहा है कि अब उनके (खरीदार) पास कोई विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि सोया तेल की सप्लाई भी सीमित है। सरसों के भाव पहले ही तेज हैं। गौरतलब है कि दुनिया का आधार पाम ऑयल अकेले इंडोनेशिया से ही सप्लाई होता है।
एक दिन में पांच रुपए महंगा हो गया सरसों का तेल सेंट्रल ऑयल आर्गेनाइजेशन फार ऑयल एंड ट्रेड के प्रेसीडेंट बाबू लाल डाटा ने बताया कि अब सरसों के तेल में नरमी के कोई आसार नहीं हैं। नेशनल ऑयल ट्रेड एसोसिएशन के सचिव मनोज मोरारका की मानें खबर आने के बाद एक दिन में सरसों के तेल के दामों में 5 से 10 रुपए का उछाल आ चुका है और पॉम तेल तो बाजार से गायब है। जिनके पास स्टॉक है उन्होंने होल्ड कर लिया है और अब मुनाफावसूली की फिराक में हैं।