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Made in India: दृष्टिहीनों को राह दिखाएगा AI चश्मा, इसकी खासियतें जानकर डॉ. राकेश जोशी के लिए आप भी कहेंगे ‘शाबास’

Delhi’s Dr. Rakesh Joshi made AI opticals for Blind: दिल्ली के डॉ. राकेश जोशी ने दृष्टिहीनों के लिए एक चश्मा तैयार किया है जो उन्हें रास्ता दिखाएगा। तीन साल की अथक मेहनत से तैयार किया गया है चश्मा। विदेशों में इसकी कीमत साढ़े छह लाख तक जबकि भारत में तैयार किया गया चश्मा सिर्फ 48 हजार रुपये में उपलब्ध है।

Jan 08, 2024 / 09:26 am

स्वतंत्र मिश्र

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Smart Vision glasses for Blind people: अब तक नेत्रहीनों को राह दिखाने के लिए छड़ी का इस्तेमाल होता था। अब उनके लिए स्मार्ट विजन ग्लास यानी आर्टिफिशिसल इंटेलीजेंस चश्मा बन गया है। यह उन्हें पग-पग पर राह दिखाएगा। बिलासपुर सिम्स के डॉक्टर इसे मरीजों को जरूरत के अनुसार उपलब्ध कराएंगे। सिम्स के डॉक्टर्स ने बताया कि इस तरह के चश्मे का निर्माण इजरायल व अमरीका में चार साल पहले हुआ था। भारत में उससे बेहतर तकनीक और कम लागत के साथ आविष्कार दिल्ली के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश जोशी ने किया है। तीन साल तक अथक मेहनत के बाद उन्हें इस काम में सफलता मिली। छह महीने पहले इसे लॉन्च किया गया। यह चश्मा देश के लगभग डेढ़ करोड़ नेत्रहीनों के लिए उपयोगी हो सकता है।

इस चश्मे में लगे हैं पांच बटन, करते हैं ऐसे काम

डॉ. जोशी के अनुसार चश्मा 5 मोड पर काम करता है। इसमें पांच बटन लगाए गए हैं। पहला बटन दबाने पर चश्मा बताएगा कि सामने क्या है। दूसरा रीडिंग मोड है। बटन दबाने पर नेत्रहीन को यह चश्मा किताब, अखबार या किसी का लिखा हुआ पढक़र सुनाएगा। तीसरा वॉकिंग मोड है। यानी तीसरा बटन दबाने पर तीन मीटर की दूरी में क्या है, इसकी जानकारी मिल जाएगी। चौथा मोड फेस आइडेंटीफिकेशन है। इसके सहारे पता चल सकेगा कि उनके सामने कौन व्यक्ति खड़ा है। पांचवां हेल्प मोड है। यदि नेत्रहीन कहीं भटक गया हो तो उसके परिजनों तक उनका लोकेशन पहुंच जाएगा।

देश-विदेश की 72 भाषाओं में सक्षम

इजरायल व अमरीका में निर्मित चश्मे में 5 से 8 भाषाएं फीड की गई हैं जबकि डॉ. जोशी ने अपने चश्मे में देश-विदेश की 72 भाषाओं को फीड किया है। यह चश्मा मोबाइल के ऐप के जरिए काम करता है। इजरायल व अमरीका के चश्मे की कीमत लगभग साढ़े छह लाख रुपए है। डॉ. जोशी ने इसकी कीमत 48 हजार रुपए रखी है।

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