अगले ट्वीट में भारतीय उच्चायोग ने लिखा, ‘ये मीडिया रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी हैं। ये केवल एक कोरी कल्पना है। भारत लोकतांत्रिक मूल्यों, स्थापित संस्थानों के साथ-साथ संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से श्रीलंका के लोगों की आकांक्षाओं का समर्थन करता है।
बता दें कि इससे पहले कोलंबो में भारतीय उच्चायोग को उन रिपोर्टों का खंडन करना पड़ा था जिसमें दावा किया गया था कि नई दिल्ली ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की देश छोड़ने में मदद की थी।