सपा ने मध्य प्रदेश में उतारे प्रत्याशी
साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा ने यूपी से सटे जिलों में अपने कुछ प्रत्याशी उतारा है। अब इसे राजनीतिक जानकार प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देख रहे हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल है। उत्तर प्रदेश से सटे मध्य प्रदेश के जिलों में उसका प्रभाव भी देखने को मिलता है। 2003 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 6 सीटों पर समाजवादी पार्टी जीत भी चुकी है। ऐसे में अखिलेश यादव कांग्रेस के उम्मीदवारों के ऐलान पर विशेष नजर बनाए हुए हैं।अखिलेश यह भी देखना चाहते हैं कि राष्ट्रीय राजनीति के चुनाव में कांग्रेस का दिल कितना बड़ा है। हालांकि मध्य प्रदेश के सपा अध्यक्ष ने विधानसभा के चुनाव में इंडिया गठबंधन से अलग अकेले चुनाव लड़ने का दावा किया है। लेकिन अखिलेश कांग्रेस पर दबाव की राजनीति के तहत उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया में खुद का प्रभाव देखना चाहते हैं। वहीं, सूत्रों के मुताबिक अखिलेश 2024 के चुनाव में यूपी में अपनी शर्तों पर टिकट का बंटवारा चाहते हैं।
बिहार में लालू-नीतीश खड़ी कर रही मुसीबत
बंगाल में लेफ्ट बना कारण
कांग्रेस बंगाल की दोनों प्रमुख विपक्षी पार्टियां TMC और लेफ्ट को साथ लाने की कोशिश कर रही है। लेकिन लेफ्ट की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि वह किसी भी कीमत पर ममता के साथ जाने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि अगर पार्टी ममता को साथ रखने के लिए लेफ्ट का साथ छोड़ती है तो उसे त्रिपुरा, बिहार के साथ ही कई राज्यों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि लेफ्ट पार्टी इन राज्यों के अलावा केरल में भी अपनी पहुंच रखती है।
दिल्ली और पंजाब में आप खड़ी कर रही मुश्किलें
इन सबके अलावा कांग्रेस को सबसे बड़ा सर दर्द अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी दे रही है। क्योंकि आप इस समय दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही है। वहीं, राजस्थान , और मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। ऐसे में यह कांग्रेस के लिए तो कहीं से भी शुभ संकेत नहीं दिख रहा है। सूत्रों की माने तो आप ने कांग्रेस के सामने 30 सितंबर तक टिकट बंटवारे को लेकर भी प्रस्ताव रखा था। लेकिन कांग्रेस ने उसे मानने से इंकार कर दिया।
ऐसे में यह कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा कि INDIA गठबंधन कहीं न कहीं बिखराव के रास्ते पर चल चुका है। क्योंकि एक तरफ भाजपा जहां अभी से अपने सांसदों को लेकर सर्वे कराने के साथ ही तैयारी में जुट चुकी है। ऐसे में कांग्रेस नीत INDIA गठबंधन अभी तक अपनी सीट बंटवारे को सुलझा नहीं पाया है।