भारी बारिश के कारण कई ट्रेनें रद्द की गई हैं। वहीं, पहाड़ी राज्यों हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी से दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान समेत पूरे उत्तर पश्चिमी राज्यों के मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिन में सर्दी बढ़ने के साथ ही पारा और लुढ़कने की संभावना है।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ गई गलन
मौसम विभाग की तरफ से जारी आंकड़़ों के मुताबिक, दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से दो डिग्री कम है। इसके पीछे कारण बताया गया कि हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में शनिवार को हुई बर्फबारी ने दिल्ली-एनसीआर में सर्दी का सितम बढ़ा दिया है। यहां रात को तापमान 5 डिग्री तक पहुंच रहा है। कड़ाके की सर्दी के बीच घुप कोहरे ने भी लोगों का हाल बेहाल कर दिया है।
राजस्थान में -1 डिग्री सेल्सियस पहुंचा पारा
राजस्थान के आधे जिलों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। राजस्थान के माउंट आबू में आज रविवार को पारा -1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। करीब तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने से यहां अचानक फिर से सर्दी तेज हो गई। शनिवार को यहां न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस था। हालांकि राजस्थान में अभी ठंडी हवाएं आनी रुक गई हैं। मौसम बिल्कुल शुष्क बना हुआ है।
राजस्थान में अभी आगामी छह दिन मौसम शुष्क बना रहेगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले छह दिन मौसम शुष्क रहेगा। 23-24 दिसंबर के दौरान एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। जिस वजह से राजस्थान के कई जिलों में बारिश हो सकती है। दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह में उत्तरी हवाएं चलेंगी। जिस वजह से तापमान गिरेगा और सर्दी से ठिठुरन बढ़ जाएगी।
यूपी और बिहार में तीन दिनों तक छाए रहेंगे बादल
वहीं, मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश और बिहार में अगले तीन दिन के दौरान तापमान में भारी गिरावट की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक, यूपी में अगले तीन दिनों तक गलन के साथ ही बादल छाए रहेंगे। वहीं, बिहार में सुबह के समय कोहरे और धुंध का प्रभाव बना रहेगा। पछुआ हवा के कारण सुबह-शाम के समय ठंड बरकरार रहेगी।
पंजाब और हरियाणा में 8 डिग्री से नीचे रहा पारा
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में रविवार को ठंड की स्थिति बनी रही और गुरदासपुर में न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटियाला में पारा 6.7 डिग्री सेल्सियस और लुधियाना में 7.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। हरियाणा के हिसार में न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री सेल्सियस, करनाल में 6.6 डिग्री सेल्सियस, रोहतक में 7.4 डिग्री सेल्सियस और नारनौल में 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आईएमडी ने आगामी तीन दिनों में उत्तर पश्चिमी राज्यों में पारा और लुढ़कने की संभावना जताई है।
पहाड़ी राज्यों में जमकर बर्फबारी
अगर देश के पहाड़ी राज्यों की बात करें तो जम्मू कश्मीर के गिलगिट, बाल्टिस्तान, लद्दाख और मुजफ्फराबाद में जमकर बर्फबारी देखने को मिल रही है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू और मनाली समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई है। वहीं, उत्तराखंड के भी ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ गई है।
तमिलनाडु में ऑरेंज अलर्ट
भारतीय मौसम केंद्र की तरफ से जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण तमिलनाडु में 18 दिसंबर के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। यहां भारी से बहुत भारी बारिश होने की जताई गई है। इससे पहले रविवार को कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, थूथुकुडी और तेनकासी जिलों में भारी बारिश हुई।
कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी वर्षा दर्ज की गई। शनिवार से दक्षिणी तमिलनाडु के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। भारी बारिश के चलते निचले इलाकों के घरों में पानी घुस गया है। 18 दिसंबर को लक्षद्वीप में भी भारी बारिश होने की संभावना है।
कई जिलों में स्कूल बंद
IMD के बुलेटिन में कहा गया है कि एक चक्रवाती परिसंचरण अब कोमोरिन क्षेत्र और उसके पड़ोस पर देखा जा रहा है, जो मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है। भारी बारिश की वजह से चार जिलों में आज (18 दिसंबर) को स्कूलों और सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं। 18 दिसंबर को तिरुनेलवेली, कन्याकुमारी, थूथुकुडी और थेनकाशी जिलों में भारी बारिश के कारण स्कूल बंद हैं।
तिरुनेलवेली जिले के बाढ़ प्रभावित लोगों को आश्रय शिविर में ले जाया गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अधिकारियों को बाढ़ के खतरे को भांपते हुए कन्नाडियन चैनल में अधिशेष पानी छोड़ने का निर्देश दिया, जो बाढ़ के पानी को तिरुनेलवेली और थूथुकुडी जिलों तक जाने से रोकेगा।
कई ट्रेनें रद्द
तमिलनाडु में रविवार रात से चार जिलों में भारी बारिश के कारण जलभराव हो गया है। खराब मौसम के कारण सोमवार को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद किए गए हैं। कई ट्रेनें या तो पूरी तरह से रद्द कर दी गईं या आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं क्योंकि बाढ़ के पानी से रेल पटरियां डूब गईं हैं और पटरियों के आस-पास की गिट्टी बह गई है।