देश के दो सबसे बिजी रूटों में एक दिल्ली-हावड़ा है। यहां पर ट्रेनों के साथ साथ गुड्स ट्रेनों की संख्या भी ज्यादा है। खुर्जा से लेकर पिलखनी तक ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) तैयार हो गया है। इसमें धीरे-धीरे गुड्स ट्रेनों को शिफ्ट किया जा रहा है लेकिन अभी तक पूरी तरह से शिफ्ट नहीं किया गया है।
यात्रियों को बड़ी राहत
DFC के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार ने एक दिन पूर्व ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के उत्तर मध्य रेलवे (NCR) में पड़ने रूट का निरीक्षण किया और पूरे सेक्शन की प्रोग्रेस से खुश नजर आए। साथ ही, उन्होंने दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन के एनसीआर क्षेत्र की सभी गुड्स ट्रेनों को डीएफसी में शिफ्ट करने को कहा है।
गुड्स ट्रेनों के लिए अलग कॉरिडोर
भारतीय रेलवे ने गुड्स ट्रेनों के लिए ईस्टर्न (खुर्जा से पिलखनी) और वेस्टर्न (रेवाड़ी से पालनपुर) तक दो कॉरिडोर तैयार कराए हैं। इन कॉरिडोर की कुल लंबाई 2843 किमी है। दोनों कॉरिडोर शुरू होने के बाद देशभर में चलने वाली कुल गुड़स में से 16% (16 सौ के करीब) इस कॉरिडोर पर शिफ्ट हो रही हैं। 800 के करीब ईस्टर्न डीएफसी से ट्रेन शिफ्ट हो जाएंगी। इससे पैसेंजर ट्रेनों की स्पीड और पंच्यूलिटी दोनों ही ठीक हो जाएगी।
गाजियाबाद से मुगलसराय तक नहीं लगेगा ट्रेनों में ‘ब्रेक’
एनसीआर गाजियाबाद से शुरू होकर मुगलसराय तक जाता है। इस मुख्य रेल लाइन में चलने वाली ट्रेनें डीएफसी ( खुर्जा से मुगलसराय) में शिफ्ट हो जाएंगी और मुख्य लाइन में केवल पैसेंजर ट्रेनें ही चलेंगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पैसेंजर ट्रेनें केवल तय स्टेशनों पर ही रुकेंगी। बीच में कहीं पर गुड्स ट्रेनों को पास देने के लिए नहीं रुकेंगी और न ही ट्रेनों की स्पीड कम होगी। कई बार गुड्स ट्रेन आगे चलने की वजह से पैसेंजर ट्रेनों की स्पीड दिया जाता था जिसकी वजह से पैसेंजर को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।