scriptICMR on Covaxin: आइसीएमआर का दावा कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स वाली रिसर्च गलत, कहा- हमारा कोई लेना देना नहीं | ICMR claims research on side effects of Covaxin vaccines is wrong vaccine controversy | Patrika News
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ICMR on Covaxin: आइसीएमआर का दावा कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स वाली रिसर्च गलत, कहा- हमारा कोई लेना देना नहीं

Vaccine Controversy: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के उस शोध को पूरी तरह भ्रामक और गलत तथ्यों पर आधारित बताया है, जिसमें कोरोना के टीके कोवैक्सिन के दुष्प्रभावों का दावा किया गया था।

नई दिल्लीMay 21, 2024 / 09:44 am

Akash Sharma

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Vaccine Controversy: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के उस शोध को पूरी तरह भ्रामक और गलत तथ्यों पर आधारित बताया है, जिसमें कोरोना के टीके कोवैक्सिन के दुष्प्रभावों का दावा किया गया था। यह शोध न्यूजीलैंड के ड्रग सेफ्टी जर्नल में छपा था। इसके संपादक और बीएचयू को भेजे पत्र में आइसीएमआर ने कहा कि उसका इस शोध से कोई लेना-देना नहीं है।

कोवैक्सिन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे- रिसर्च 

रिसर्च में कहा गया था कि भारत वायोटेक (Biotech) की कोवैक्सिन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे हैं। जिन लोगों ने कोवैक्सिन लगवाई, उनमें 30 फीसदी में किसी न किसी तरह के साइड इफेक्ट्स देखे गए। महिलाओं में पीरियड्स संबंधी दिक्कतें देखी जा रही हैं। आइसीएमआर ने कहा कि उसने इस शोध में न तो टेक्निकल मदद दी, न ही वित्तीय सहायता। शोध में कहा गया कि कोवैक्सिन के प्रभाव को लेकर एक साल तक अध्ययन किया गया, लेकिन जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली, उनके साथ इसमें तुलना नहीं है। आइसीएमआर ने सवाल किया कि फिर कैसे समझें कि साइड्स इफेक्ट्स सिर्फ वैक्सीन लेने वालों पर ही हुए? जो साइड्स इफेक्ट्स बताए जा रहे हैं, वे सामान्य हैं और किसी को भी हो सकते हैं। ICMR ने कहा कि शोध में शामिल लोगों के बैकग्राउंड का कोई जिक्र नहीं किया गया कि उन्हें पहले से किस तरह की परेशानी थी। यह कैसे पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को साइड इफेक्ट्स वैक्सीन लेने के बाद ही हुए?

‘वैक्सीन के मुकाबले कोरोना से थक्के 100 गुना ज्यादा’ 

WHO की पूर्व चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन ने करोड़ों लोगों की जान बचाई है। कोरोना से खून के थक्कों के मामले वैक्सीन से थक्कों के मामलों से 100 गुना ज्यादा हैं। एक अखबार को इंटरव्यू में स्वामीनाथन ने कहा कि लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर जो नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, उसको लेकर वह चिंतित हैं। क्लिनिकल ट्रायल के दौरान 30 हजार से 40 हजार लोगों को टीका दिया गया था। तब इसके साइड इफेक्ट सामने नहीं आए। टीका करोड़ों लोगों को दिया गया तो लाखों में से 7-8 लोगों में छोटे साइड इफेक्ट देखने को मिले।

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