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सही Mutual Fund कैसे चुने? शार्क टैंक फेम राधिका गुप्ता के इन टिप्स से लाइफ हो जाएगी झिंगालाला

Mutual Fund Investment: अगर आप किसी शेयर की हाल-फिलहाल की चाल देखकर निवेश का फैसला करते हैं तो आपको उन निवेशकों से कम रिटर्न मिल सकता है, जो लंबे अरसे तक एक श्रेणी के स्टॉक या म्यूचुअल फंड में टिके रहते हैं।

नई दिल्लीAug 29, 2024 / 09:47 am

Anish Shekhar

Mutual Fund Investment: निवेश के लिए नंबर 1 म्यूचुअल फंड स्कीम का पीछा करना व्यर्थ है, क्योंकि नंबर 1 बहुत तेजी से बदलता रहता है। एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा एक साल के टॉप रिटर्न के आधार पर फंड्स चुनना निवेश की रणनीति नहीं है। निवेश में निरंतरता बहुत ज्यादा मायने रखती है। फंड्स का लगातार ग्रोथ होना महत्वपूर्ण है। कई निवेशक बहुत अधिक रिटर्न की उम्मीद में नंबर 1 स्कीम में निवेश कर देते हैं, जो हर एक दो महीने में बदलता रहता है। इसलिए निवेशकों को एक साल नहीं, बल्कि 5 साल के रोलिंग रिटर्न को देखकर किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करना चाहिए। म्यूचुअल फड हाउस यह जानते हैं कि अगर उनकी स्कीम नंवर वन रैंक पर आती है, तो उन्हें बहुत सारा पैसा मिलेगा, जो अवास्तविक उम्मीदों के आधार पर आएगा।

10 साल में एसआइपी से मिला रिटर्न

पिछला प्रदर्शन मायने नहीं रखता

शेयर बाजार में यह बात ज्यादा मायने नहीं रखती कि किसी शेयर का पिछला प्रदर्शन कैसा रहा है, एक अध्ययन के मुताबिक, अगर आप किसी शेयर की हाल-फिलहाल की चाल देखकर निवेश का फैसला करते हैं तो आपको उन निवेशकों से कम रिटर्न मिल सकता है, जो लंबे अरसे तक एक श्रेणी के स्टॉक या म्यूचुअल फंड में टिके रहते हैं। यानी अगर आप म्यूचुअल फंड में एसआइपी के जरिए निवेश करते हैं और अगर हर वर्ष सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले इंडेक्स में स्विच करते हैं तो यह नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे बेहतर होगा कि जिस इंडेक्स में निवेशित हैं उसी में एसआइपी को चालू रखें।

एक ही फंड में टिके रहने पर मिला बेहतर रिटर्न

वित्त वर्ष 2005-06 से लेकर वित्त वर्ष 2023-24 की 19 साल की अवधि के दौरान एसआइपी के रिटर्न की तुलना करने पर पता चला कि जिन निवेशकों ने जिस निवेशक ने मिडकैप सूचकांक में निवेश किया और पूरे समय तक उसी में बने रहे तो उन्हें 18.1त्न सालाना रिटर्न मिला। वहीं जिन निवेशकों ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले फंड में स्विच किया, उन्हें केवल 15.1त्न सालाना औसत रिटर्न मिला।

बदलाव कारगर क्यों नहीं…

अगर निवेशक कमजोर प्रदर्शन कर रहे किसी फंड को छोडक़र ऐसा फंड चुनता है, जिसका हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन रहा है तो असल में वह ऐसे शेयर को छोड़ता है, जिसकी कीमत कम आंकी जा रही है और ऐसा शेयर चुन लेता है, जिसकी कीमत बहुत ज्यादा आंकी जा रही है। अधिक दाम वाले शेयर खरीदने से रिटर्न भी उम्मीद से कम हो जाती है। जब कोई निवेशक कमजोर प्रदर्शन करने वाले सूचकांक में रकम लगाता रहता है तो असल में उसे कम औसत दाम पर यूनिट मिल रही होती हैं। ऐसे में सूचकांक का प्रदर्शन बढिय़ा होने पर उसका रिटर्न बहुत अधिक हो जाता है।

क्या करें निवेशक…

ऐसा पोर्टफोलियो बनाएं, जिसमें अलग-अलग मार्केट कैप, निवेश चक्र और स्थान के हिसाब से विविधता हो। निवेशक अपने पोर्टफोलियो को गुणवत्ता, मूल्य, उचित वृद्धि, मिडकैप और स्मॉल कैप तथा इंटरनैशनल जैसी 5 फंड श्रेणी में बांट सकते हैं। विविधता भरे इस पोर्टफोलियो में कम से कम 7 साल तक निवेश करते रहें।

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