bell-icon-header
राष्ट्रीय

Heroine Of Hijack: एक मात्र एयर होस्टेस जिसे भारत ने दिया अशोक चक्र और पाकिस्तान ने दिया तमगा-ए-इंसानियत, जानिए कौन थी वह बहादुर महिला? देखें खूबसूरत तस्वीर

आतंकी, विमान और हाईजैक की बात जब भी आएगी कोई न कोई कनेक्शन चंडीगढ़ और पाकिस्तान से निकल ही आएगा। बात IC 814 के हाईजैक से पहले की है। उस समय सिर्फ एक एयर होस्टेस ने ऐसी बहादुरी दिखाई की पूरी दुनिया के लिए मिशाल बन गई। अमरीकी मीडिया ने तो उन्हें हिरोईन आफ हाईजैक […]

नई दिल्लीSep 06, 2024 / 04:18 pm

Anand Mani Tripathi

आतंकी, विमान और हाईजैक की बात जब भी आएगी कोई न कोई कनेक्शन चंडीगढ़ और पाकिस्तान से निकल ही आएगा। बात IC 814 के हाईजैक से पहले की है। उस समय सिर्फ एक एयर होस्टेस ने ऐसी बहादुरी दिखाई की पूरी दुनिया के लिए मिशाल बन गई। अमरीकी मीडिया ने तो उन्हें हिरोईन आफ हाईजैक तक का खिताब दे दिया और हिंदुस्तान ने अशोक चक्र। बात 1986 की जब चंडीगढ़ की लड़की नीरजा भनोट ने 379 लोगों की जान बचाई थी। इसमें 360 यात्री थे बाकी पायलट और क्रू मेंबर। आज नीरजा होती तो 61 साल की होती। उनका जन्म 7 सितंबर 1963 को चंडीगढ़ में हुआ था।
5 सितंबर 1986 को नीरजा भनोट मुंबई से अमरीका जाने वाले विमान में सवार हो गईं। वह इस विमान की वरिष्ठ एयर होस्टेस थीं। दो दिन बाद ही उनका जन्म था। इस विमान को अमरीका पहुंचने से पहले कराची के जिन्ना एयरपोर्ट पर उतरना था और वही हुआ। यहां कुछ यात्रियों को उतारा गया और यहां से कुछ यात्री अमरीका के लिए सवार हो गए। सब कुछ सामान्य चल रहा था। विमान में अचानक हलचल हुई और विमान के टेकऑफ से पहले हथियारों से लैस चार आतंकी विमान में सवार हुए गए और पूरा विमान हैइजैक। कॉकपिट बंद था तो विमान के पायलट और को-पायलट विमान छोड़कर भाग गए। अब नीरजा संचालन टीम की सबसे वरिष्ठ सदस्य थी। नीरजा के पास भी विमान छोड़ने का मौका था लेकिन वह वहीं यात्रियों के साथ रूकी रहीं।
Neerja

अमरीकी तलाश रहे थे आतंकी

चारे आतंकी विमान में अमरीकी सरकार को झुकाने के लिए अमरीकियों का पासपोर्ट तलाश रहे। नीरजा ने बड़ी बहादुरी और चपलता से सभी पासपोर्ट एकत्र कर अमरीकियों के पासपोर्ट को छुपा दिया। बाकी सभी पासपोर्ट आतंकियों को दे दिया। अमरीकियों ने देखा कि विमान में तो कोई अमरीकी है ही नहीं तो वह पागल हो गए। आतंकी केवल और केवल अमरीका पर दबाव बनाना चाह रहा थे।
Neerja

नीरजा ने आतंकियों को उलझाया

नीरजा भनोट ने अपनी बातों से आतंकियों को उलझा दिया। वह 17 घंटे तक विमानन अधिकारियों से बात करते रहे। इस प्रकिया में वह पागल हो गए। वहीं विमान में यात्रियों की तबीयत भी खराब होने लगी। इसी बीच नीरजा को मौका मिल गया। जिसकी पल की उन्हें 17 घंटे से तलाश थी। वह बहुत तेजी से बच्चों को लेकर इमरजेंसी डोर की तरफ भागी। एक आतंकी बीच में आया और बंदूक बच्चों पर तान दी। नीरजा से संघर्ष हुआ तो उसने नीरजा को गोली मार दी लेकिन नीरजा ने आतंकियों की एक भी चलने न दी।
Neerja

आतंकी गोलीबारी में 18 की मौत

नीरजा भनोट ने अब तक समझ लिया था कि अब आतंकी रूकने वाले नहीं है और चंद सेकेंड में ही उन्होंने गोलीबारी भी शुरू कर दी और इधर नीरजा ने मोर्चा संभाल विमान के पूरे यात्रियों को तेजी से निकालना शुरू कर दिया। आतंकी गोलीबारी में 18 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। 360 यात्री सकुशल बच गए और नीरजा की आंखे यात्रियों की आजादी का खुशनुमा मंजर देखकर हमेशा हमेशा के लिए बंद हो गईं। नीरजा सबसे कम उम्र में अशोक चक्र पाने वाली महिला बनीं।

Hindi News / National News / Heroine Of Hijack: एक मात्र एयर होस्टेस जिसे भारत ने दिया अशोक चक्र और पाकिस्तान ने दिया तमगा-ए-इंसानियत, जानिए कौन थी वह बहादुर महिला? देखें खूबसूरत तस्वीर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.