विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहाकि, बुद्ध व्यक्ति से आगे बढ़ कर एक बोध हैं, बुद्ध स्वरूप से आगे बढ़कर एक सोच हैं, बुद्ध चित्रण से आगे बढ़कर एक चेतना हैं और बुद्ध की ये चेतना चिरंतर है निरंतर है। यह सोच शाश्वत है, ये बोध अविस्मरणीय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि, अमृतकाल में भारत के पास अपने भविष्य के लिए विशाल लक्ष्य भी हैं और वैश्विक कल्याण के नए संकल्प भी हैं। भारत ने आज अनेक विषयों पर विश्व में नई पहल की हैं और इसमें हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा भगवान बुद्ध हैं।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस अवसर पर कहाकि, प्रधानमंत्री ने देश में बौद्ध संस्कृति के प्रचार और संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं। 2014 से भारत सरकार ने बौद्ध धर्म से संबंधित और भगवान बुद्ध से जुड़े सभी आयोजनों में प्रमुख भूमिका निभाई है।
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहाकि, इस विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन में दुनिया के अलग-अलग 30 देशों से अधिक करीब 170 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस दो दिवसीय विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन में शांति, पर्यावरण, नैतिकता, स्वास्थ्य,सतत विकास और बौद्ध संघ जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी। विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि विश्व कल्याण के लिए एक बहुत बड़ा अंतरराष्ट्रीय पहल है।
विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन में लगभग 30 देशों के प्रतिनिधि और विदेशों के लगभग 171 प्रतिनिधि और भारतीय बौद्ध संगठनों के 150 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। संस्कृति मंत्रालय अपने अनुदानग्राही निकाय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से 20-21 अप्रैल को अशोक होटल में वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।