जड़ी-बूटियां और मसाले की जांच जारी
रिपोर्टों की मानें तो प्रक्रिया अभी भी जारी है और और भी रद्दीकरण की संभावना है। FSSAI देश भर में 4,000 नमूनों का परीक्षण जारी रखे हुए है। इन नमूनों में एवरेस्ट, एमडीएच, कैच और बादशाह जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों के उत्पाद शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, नियामक संस्था ने 2,200 नमूनों का परीक्षण किया है। उनमें से 111 मसाला निर्माता उत्पाद की बुनियादी मानक गुणवत्ता से मेल नहीं खा पाए। ऐसे मसाला निर्माताओं का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है और उत्पादन बंद कर दिया गया है।केरल से तमिलनाडु में मचा हड़कंप
यह भी बताया गया है कि FSSAI के तहत परीक्षण केंद्रों की संख्या कम है और इसलिए उन कंपनियों की सूची तैयार करने में समय लग रहा है जिनके लाइसेंस रद्द करने की आवश्यकता है। अधिकारियों के अनुसार, रद्द किए गए लाइसेंसों में से अधिकांश केरल और तमिलनाडु के छोटे मसाला निर्माताओं के हैं। साथ ही गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की कंपनियां भी जांच के दायरे में हैं। इन 111 कंपनियों में से अधिकांश छोटे पैमाने की हैं और उनसे संपर्क नहीं किया जा सका क्योंकि उनके पास आधिकारिक वेबसाइट, संपर्क नंबर या ईमेल आईडी नहीं हैं।एवरेस्ट और MDH मसाले भी शामिल
इसी प्रक्रिया में मई के महीने में FSSAI ने MDH और एवरेस्ट का सैंपल टेस्ट किया और उसमें एथिलीन ऑक्साइड (ETO) नहीं पाया गया। इस टेस्ट में एवरेस्ट और MDH मसालों के 34 सैंपल शामिल थे, जिनमें से 9 महाराष्ट्र और गुजरात में एवरेस्ट की सुविधाओं से और 25 दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में MDH की सुविधाओं से लिए गए थे।कीट और कृंतक संदूषण
भारी धातुएं
एफ्लाटॉक्सिन
कीटनाशक अवशेष नमूनों का परीक्षण एनएबीएल-प्रमाणित प्रयोगशालाओं में एथिलीन ऑक्साइड के लिए किया गया था। अब तक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को लगभग 28 प्रयोगशाला रिपोर्ट प्राप्त हुई हैं और इनमें एथिलीन ऑक्साइड रसायन नहीं पाया गया है।