ऐसे काट रहे हैं धार्मिक सजा
धार्मिक सजा के तहत पूर्व डिप्टी सीएम बादल मंगलवार सुबह 9:10 बजे व्हीलचेयर पर बैठकर सेवादार की पोशाक पहनकर श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर पहरेदारी की सेवा शुरू की। इस दौरान उन्होंने एक हाथ में बरछा पकड़ रखा था। उनके साथ ही पूर्व अकाली मंत्री एवं पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी यही सेवा शुरू कर दी है।
पैर में फ्रैक्चर के कारण मिली ये छूट
सुखबीर बादल एवं सुखदेव सिंह ढींडसा को सुबह एक घंटा 9 से 10 बजे तक पहरेदारी की सेवा करने का आदेश मिला है। सुखबीर बादल को झूठे बर्तन और शौचालय साफ करने की भी सजा सुनाई गई थी। हालांकि उनके पैर में प्लास्टर लगे होने के कारण उन्हें इससे छूट मिली है। अकाली दल के बागी गुट और शिरोमणि अकाली दल के तत्कालीन सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट के सदस्य 12 बजे के बाद शौचालय साफ करेंगे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री को सुनाई शौचालय और बर्तन साफ करने की सजा
आपको बता दें कि सोमवार को शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त साहिब पर पंच सिंह साहिबों के सामने हाजिर हुए। अकाल तख्त के जत्थेदारों ने सुखबीर बादल और उनकी कैबिनेट में रहे मंत्रियों को दोषी ठहराते हुए तनखाह (धार्मिक कदाचार का दोषी) सुनाई है, जिसका उनको पालन करना होगा। सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त ने 2 महीने पहले पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों को ‘तनखैया’ घोषित किया था। सुखबीर सिंह बादल ने कबूल जुर्म
सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त साहिब के सामने अपनी गलतियां को कबूल किया। उन्होंने ईशनिंदा मामले में सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफी देने की बात स्वीकार की है। पंजाब के पूर्व
उपमुख्यमंत्री ने निर्दोष सिखों की हत्या में शामिल पुलिस अधिकारियों को बढ़ावा देने की बात भी स्वीकार की। इसके साथ ही उन्होंने राम रहीम की माफी को लेकर अखबारों में विज्ञापन देने की बात भी कबूल की।