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कश्मीर घाटी में Ex CM उमर अब्दुल्ला ने खुलेआम किया ऐलान, गांदरबल सीट से विधानसभा से देंगे चुनौती

JK Assembly Elections : उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वह तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे।

श्रीनगरAug 25, 2024 / 04:36 pm

Anand Mani Tripathi

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला आगामी विधानसभा चुनाव में गांदरबल सीट से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वह तब तक चुनाव नहीं लड़ेंगे। जानकारी के अनुसार, उमर अब्दुल्ला हाल ही में गांदरबल जिले के नुनेर गांव पहुंचे थे। उनकी मौजूदगी में सईद मुस्तफा नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी में शामिल हुए थे। सईद मुस्तफा ने श्रीनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने हरा दिया था।नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद सैयद रुहुल्लाह मेहदी, पार्टी नेता नासिर असलम वानी और अनंतनाग-राजौरी से सांसद मियां अल्ताफ अहमद की मौजूदगी में रविवार को हुई बैठक के बाद उमर अब्दुल्ला के नाम का ऐलान किया गया।

JK : 2009 से 2015 तक मुख्यमंत्री रहे उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे और वे नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा वे तीन बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और 2008 से 2014 तक गांदरबल सीट और 2014 से 2019 तक बीरवाह विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। साल 2002 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के काजी मोहम्मद अफजल से हार का सामना करना पड़ा था।

JK Assembly Election : तीन चरण में होगा मतदान

भारतीय चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव की घोषणा की है। पहले चरण के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। पहले चरण में घाटी और जम्मू संभाग की 24 विधानसभा सीटों पर 18 सितंबर को मतदान होगा। दूसरे चरण के लिए मतदान 25 सितंबर को होगा और अंतिम चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि 4 अक्टूबर को मतगणना होगी।
JK Assembly Election

2018 में भंग हो गई थी जम्मू-कश्मीर की विधानसभा

बता दें कि जून 2018 से जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार नहीं है। इससे पहले पीडीपी-भाजपा गठबंधन की राज्य में सरकार थी। लेकिन, भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू किया गया और तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया था। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया गया था। साथ ही जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया।

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