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High Court के हस्तक्षेप के बाद ईसाइयों पर की गई अभद्र भाषा के खिलाफ दर्ज हुआ FIR, जानिए क्या है पूरा मामला

Gujarat High Court order: ईसाई समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण और पोप के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की कथित घटना के डेढ़ साल से अधिक समय बाद मेहसाणा जिले के कादी कस्बे में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।

अहमदाबादNov 13, 2024 / 02:17 pm

Shaitan Prajapat

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Gujarat High Court Order: गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईसाई समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण और पोप के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की कथित घटना के डेढ़ साल से अधिक समय बाद, मेहसाणा जिले के कादी कस्बे में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। कादी पुलिस ने सोमवार को एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए और 153ए के तहत एफआईआर दर्ज की। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य के आरोप में यह केस रजिस्टर्ड किया गया है।

15 अक्टूबर को कोर्ट ने दिया था आदेश

15 अक्टूबर को न्यायमूर्ति संदीप भट्ट ने आदेश दिया था कि संबंधित प्राधिकारी मामले की जांच करेंगे और याचिकाकर्ता के संपर्क करने की तारीख से चार सप्ताह की अवधि के भीतर कानून के अनुसार निर्णय लेंगे। उसके बाद दो सप्ताह की अवधि के भीतर याचिकाकर्ता को इसकी जानकारी भी देंगे।

अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

अप्रैल 2023 में वडोदरा की एक नन मंजुला तुस्कानो ने अधिवक्ता उत्कर्ष दवे के माध्यम से एक एफआईआर दर्ज करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा कादी शहर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ननों और पोप पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए एक अज्ञात वक्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप

करीब 100 ननों ने मेहसाणा जिले के पुलिस अधिकारियों को प्रस्तुतीकरण के बाद याचिका दायर की गई थी। इसमें वक्ता के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई थी, जिसे ईसाइयों के खिलाफ कथित घृणास्पद भाषण देते हुए एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है। ननों के अनुसार, पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की।

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